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हिन्दी की व्यापकता के कारण दुनिया के 175 देशों में बने हिन्दी के शिक्षण और प्रशिक्षण केंद्र:नरेंद्र

कुरुक्षेत्र जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डा. नरेंद्र सिंह ने कहा कि हिन्दी की व्यापकता के कारण दुनिया के 175 देशों में हिन्दी के शिक्षण व प्रशिक्षण के अनेक माध्यम केंद्र बन गए है और हिन्दी का शिक्षण और प्रशिक्षण विश्व के लगभग 180 विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों में चल रहा है। यह भी देखने में आया है कि सिर्फ अमेरिका में 100 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में हिंदी पढ़ाई जा रही है। इससे लगता है कि हिन्दी का वर्चस्व दिन-रात बढ़ रहा है। अहम पहलू यह है कि इनसाइक्लोपीडिया के अनुसार चीनी भाषा के बाद संसार में प्रयुक्त होने वाली सबसे बड़ी भाषा हिन्दी है।डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह मंगलवार को विश्व हिन्दी दिवस पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के सीनियर मॉडल स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह, स्कूल के प्राचार्य डा. एमएम सिंह, डा. सुखविंद्र सिंह, उर्मिला काजल, चेतना, डा. सुशील कुमार ने विधिवत रुप से विश्व हिन्दी दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डीआईपीआरओ डा. नरेंद्र सिंह ने कहा कि विश्व हिन्दी दिवस को 10 जनवरी के दिन 180 देशों में मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी के व्यापक प्रचार-प्रसार के निमित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की प्रचार के साथ ही विधिवत क्षेत्रों में हिन्दी के उपयोग से है। आज युवा पीढ़ी को सूचना क्रांति के युग में हिन्दी को भूमंडलीकरण की प्रक्रिया के रूप में अपनी भूमिका का महत्व बताना होगा। अत: इसे कंप्यूटर की भाषा भी बनाना होगा। हिन्दी में ऐसे सॉफ्टवेयर विकसित करने होंगे, जिनमें वैश्विक स्तर पर सूचनाओं का आदान प्रदान करना ओर भी आसानी और सहजता से संभव हो सके। हिन्दी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की रूप-रचना और हिन्दी कूट पदों तथा संकेताक्षरों का प्रचलन होना चाहिए।

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