राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के आह्वान पर रविवार (10 मार्च) को सुबह 6 बजे से प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर हड़ताल शुरू हो गई है। पेट्रोल-डीजल पर वैट (Value Added Tax) की दरों में कमी की मांग को लेकर ये हड़ताल की जा रही है। हड़ताल 12 मार्च (सुबह 6 बजे) तक जारी रहेगी। कोटा, भीलवाड़ा, जोधपुर, जैसलमेर, अजमेर में पेट्रोल पंप खुले हैं। जयपुर के साथ-साथ इंटर स्टेट बॉर्डर वाले जिलों में हड़ताल का सबसे अधिक असर है। यहां से लोग यूपी, हरियाणा में पेट्रोल-डीजल भरवाने जा रहे हैं। सीकर में केवल एक दिन की हड़ताल है। बंद पेट्रोल पंपों पर इमरजेंसी सर्विस से जुड़े वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन में डीजल और पेट्रोल नहीं भरा जा रहा है।
4 हजार से ज्यादा पंप बंद रहने का दावा
प्रदेशभर के पेट्रोल पंप संचालक 11 मार्च को जयपुर में सचिवालय का घेराव करने को लेकर जानकारी सामने आई है। संचालक का अपनी मांग को सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं। प्रदेश में लगभग 5800 पेट्रोल पंप हैं। हड़ताल के दौरान सीकर, पाली, श्रीगंगानगर, जयपुर के साथ साथ कई जिलों के 4 हजार से अधिक पंप क्लोज़ रहेंगे। बढ़े हुए वैट के कारण पेट्रोल पंप संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है। पिछले 7 साल से डीलर्स के कमीशन में भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। जिस कारण से ज्यादातर पेट्रोल पंप बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। वहीं जानकारी यह भी सामने आई है कि कोटा में पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन में सहमति नहीं बनी है। तीनों सरकारी कंपनियों के पंप खुले हैं। जैसलमेर में भी तक पेट्रोल पंप वालों की हड़ताल को लेकर सहमति नहीं बनी है। पेट्रोल पंप सुचारु रुप से चल रहें हैं।
इस जगह नहीं हड़ताल का असर
जारी हड़ताल का असर जोधपुर में देखने को नहीं मिल रहा है। बता दें कि प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में डीजल और पेट्रोल सस्ता बिक रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर हरियाणा, गुजरात की सीमा से लगे जिलों में हैं। वैट कम होने से ज्यादातर वाहनों दूसरे स्टेट से डीजल और पेट्रोल भरवा रहे हैं। ऐसे में स्थानीय पंप को काफी नुकसान हो रहा है। जोधपुर पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में बढ़े हुए वैट को कम करने के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। मगर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। पेट्रोल पर 31.04 प्रतिशत वैट (Value Added Tax) है। वहीं डीजल पर 19.30 प्रतिशत वैट लगाया गया है।