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NCB की बड़ी कार्रवाई, 2 हजार करोड़ के ड्रग्स नेटवर्क का पर्दाफाश, न्यूजीलैंड, मलेशिया तक जुड़े हैं तार

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) और दिल्ली पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में 24 फरवरी शनिवार को एक इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, वहीं इनके पास से ड्रग्स बनाने में इस्तेमाल आने वाले 50 किलोग्राम स्यूडोइफेड्राइन केमिकल को भी काब किया है।

3 साल में 2 हजार करोड़ की ड्रग्स तस्करी

NCB ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि तस्करी नेटवर्क में मास्टरमाइंड की पहचान एक तमिल फिल्म प्रोड्यूसर के रूप में हुई है।
जो फरार है। बता दें कि गैंग ने केवल 3 साल में तकरीबन 2 हजार करोड़ रुपए के ड्रग्स की तस्करी की। यह केमिकल ‘मिक्स फूड पाउडर’ और सूखे नारियल में छिपाकर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सप्लाई किया जाता था।

इंटरनेशनल मार्केट में है इतनी कीमत

गिरफ्तार किए गए लोगों ने एंटी नार्कोटिक्स एजेंसी के सामने खुलासा किया कि उन्होंने पिछले तीन सालों में कुल 45 स्यूडोइफेड्राइन शिपमेंट भेजे थे। इन शिपमेंट में लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोइफेड्राइन था, जिसकी अनुमानित कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 2 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है।

नारियल के पाउडर में छिपाकर होते थे सप्लाई

NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह ने बताया कि एंटी नार्कोटिक्स एजेंसी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ज्वाइंट टीम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अधिकारियों की जानकारी पर एक्शन लेते हुए नेटवर्क पर सख्त एक्शन लिया है। उन्होंने कहा कि भारत से सूखे नारियल के पाउडर में छिपाकर ‘बड़ी मात्रा’ में स्यूडोइफेड्राइन वहां भेजा जा रहा है। अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (DEA) से सूचना मिली कि इन कंसाइनमेंट का सोर्स दिल्ली है।

जॉइंट ऑपरेशन कर पाया काबू

जॉइंट टीम के अधिकारियों ने मामले की गहनता से जांच करते हुए 15 फरवरी को वेस्ट दिल्ली के बसई दारापुरा के एक गोदाम पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान गोदाम से 50 किलोग्राम स्यूडोइफेड्राइन जब्त किया गया है। इस मामले में तमिलनाडु के तीन लोगों को भी पकड़ा गया है।

आइए समझाते हैं क्या होता है स्यूडोइफेड्राइन

स्यूडोइफेड्राइन एक तरह का केमिकल है जिससे मेथाफेटामीन बनाया जाता है। यह एक तरह का ड्रग है जिसकी इंटरनेशनल मार्केट में भारी डिमांड है। रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में इस ड्रग की कीमत 1.5 करोड़ रुपए प्रति किलो है। अगर कोई स्यूडोइफेड्राइन को रखता है या फिर उसकी ट्रेडिंग करता है तो उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है।

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