दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सातवें समन के बाद भी पेश नहीं हुए है। उन्हें दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ की जानी है। आप ने कहा कि जांच एजेंसी को बार-बार नोटिस भेजने के बजाय कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए। बता दें कि ईडी ने केजरीवाल को सातवां समन जारी कर 26 फरवरी को पेश होने के लिए कहा था। वह पिछले साल 2 नवंबर से लगातार पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे है। जब उन्हें जांच एजेंसी ने पहली बार समन भेजा तो उन्होंने कहा था कि नोटिस अस्पष्ट और गैर कानूनी था।
शिक्षा मंत्री ने दिया था यह जवाब
पिछली बार एजेंसी के समन को लेकर AAP की मंत्री आतिशी ने कहा था कि ED का ये समन केजरीवाल और AAP को डराने की कोशिश है। जिस तरीके से सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की गरिमा बरकरार रखते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव केस में फैसला दिया और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को विजेता घोषित किया, भाजपा उसी का बदला ले रही है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है मामले की सुनवाई
इसके पहले ED केजरीवाल को 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज चुकी थी। जब पांच समन के बाद भी दिल्ली CM पूछताछ के लिए नहीं आए तो ED ने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका लगाई थी। 14 फरवरी को कोर्ट ने केजरीवाल से कहा था कि आप 17 फरवरी को अदालत में हाजिर होकर पेशी में न जाने की वजह बताएं। केजरीवाल तब दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और बजट सेशन के कारण वर्चुअली कोर्ट में पेश हो पाए थे। अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है। केजरीवाल उस दिन कोर्ट में पेश होंगे। बता दें कि सीएम ने ईडी को खत लिखकर उन्हें वापस लेने की बात कही। इसके बाद जांच एजेंसी ने केजरीवाल के खिलाफ एक शिकायत भी दर्ज की और कहा कि वह उनके समन का पालन नहीं कर रहे हैं।
आप नेता को 100 करोड़ की रिश्वत
इस मामले में आप के तीन नेता जेल में जा चुके हैं। जिसमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन जेल में हैं। ईडी के अनुसार, केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP को उत्पाद शुल्क नीति को अंतिम रूप देने के लिए ₹100 करोड़ की रिश्वत मिली। आरोप यह भी लगाया गया कि इस पैसे का एक बड़ा हिस्सा पार्टी ने अपने गोवा चुनाव अभियान में इस्तेमाल किया था।