दिल्ली का कनॉट प्लेस दुनिया भर में फेमस है घुमने के साथ-साथ लोग शॉपिंग के लिए भी कनॉट प्लेस पहुंचते हैं सुंदर बसावट की वजह से कनॉट प्लेस, आने वाले टूरिस्टों का दिल जीत लेता है अब दिल्ली में कनॉट प्लेस की तर्ज पर एक और बाजार को संवारने का काम शुरू हो गया है। दरअसल दिल्ली का कमला मार्केट काफी फेमस है दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में रहने वाले लोग इस बाजार के बारे में बखूबी जानते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से कमला मार्केट अपनी बदहालियों को लेकर सुर्खियों में थी, यहां की टूटी सड़के पैदल चलने वालों के लिए भी मुश्किल, मार्केट की बिल्डिंग पुरानी होने की वजह से जर्जर स्थिति में पहुंच चुकी है इसके अलावा साफ सफाई भी एक बड़ी समस्या है जहां तहां कूड़े का ढेर लगा रहता हैं।
कमला मार्केट को संवारने के आदेश
लेकिन अब इस ऐतिहासिक बाजार का कायाकल्प होने जा रहा है कमला मार्केट को कनॉट प्लेस के जैसे सुव्यवस्थित करने के लिए खांका तैयार हो गया है फिलहाल यहां अतिक्रमण भी एक बड़ी समस्या है जिसे हटाने का फैसला ले लिया गया है कमला मार्केट में चरणबद्ध तरीकों से सुधार किया जाएगा, और इसको एक नया रंग रूप दिया जाएगा। कमला मार्केट को संवारने का आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिया है, दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने पिछले महीने कमला मार्केट का दौरा कर जायज लिया था इस दौरान उनके साथ दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती भी मौजूद थे।
जीर्णोद्धार से बाजार की बढ़ेगी सुंदरता
इस आदेश के तहत वास्तुकार विभाग ने एक कार्य योजना बनाई और उसके आधार पर इसके सुधार का कार्य को शुरू करने की तैयारी की है वहीं दिल्ली नगर निगम कमला मार्केट में 72 साल पुराने घंटाघर को पुनर्स्थापित करने और उसका जीर्णोद्धार करने की योजना बना रहा है घंटाघर के जीर्णोद्धार से बाजार की सुंदरता तो बढ़ेगी ही साथ ही पुराना घंटाघर भी पुनर्जीवित हो जाएगा। इसके बीच इन कार्यो लिए बजट भी निर्धारित कर दिया गया है वही यहां हुए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा कनॉट प्लेस की तरह सड़कों पर लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी यही नहीं यहां मौजूद सभी दुकानों के बोर्ड को भी एक रंग और साइज में तैयार किया जाएगा।
1951 में किया गया था मार्केट का उद्घाटन
बता दे कमला मार्केट करीब सात दशक पुरानी है भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 29 नवंबर 1951 को इसका उद्घाटन किया था। कमला मार्केट में करीब 275 दुकान हैं जानकारी के मुताबिक यह बाजार राजधानी में बसने वाले विभाजन शरणार्थियों को आजीविका प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।