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डिंपल के भरोसे अखिलेश यादव की नाव, नेता जी के विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी सीट से डिंपल यादव को प्रत्याशी बनाया है। वर्तमान में डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद है और इस सीट पर लंबे समय तक सपा का कब्जा रहा है।

समाजवादी पार्टी ने मंगलवार 30 जनवरी को अपने 16 लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में डिंपल यादव का भी नाम शामिल है। सपा (SP) ने डिंपल यादव को मैनपुरी लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित किया है। वर्तमान में भी डिंपल यादव मैनपुरी से सांसद है। जानकारी के लिए बता दें मैनपुरी सीट पर लंबे समय से समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है।

1999 में हुआ था अखिलेश संग डिंपल का विवाह
साल 1999 में अखिलेश यादव और डिंपल यादव का विवाह हुआ था। डिंपल यादव राजनीतिक घराना या परिवार से नहीं आती लेकिन सैफई परिवार की बहू बनने के बाद राजनीति में सक्रिय हो गई। 2009 में डिंपल यादव ने फिरोजाबाद सीट से उप चुनाव लड़ा था। यह लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के पास लंबे समय तक रही। लेकिन 2009 के फिरोजाबाद लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव चुनाव हार गई थी। 2009 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद और कन्नौज दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों पर जीत दर्ज की थी। अखिलेश यादव ने कन्नौज सीट को चुना और जिसके चलते फिरोजाबाद सीट खाली हो गई। 2009 के इसी फिरोजाबाद लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा था। 2012 में यूपी के सीएम और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन जाने के कारण कन्नौज सीट पर उपचुनाव हुआ और डिंपल यादव निर्विरोध निर्वाचित हुई। भारतीय राजनीति में निर्विरोध निर्वाचित होने के इतिहास में डिंपल यादव ने अपना नाम दर्ज किया।

2019 आम चुनाव में भी करना पड़ा हार का सामना
डिंपल यादव कन्नौज से दो बार सांसद रही है लेकिन 2019 के हुए लोकसभा चुनाव में डिम्पल यादव को हार का सामना करना पड़ा था। 2019 में डिंपल यादव समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की संयुक्त प्रत्याशी थी पर बीजेपी के सुब्रत पाठक के सामने चुनाव हार गई। डिंपल यादव के कन्नौज से चुनाव हारने के बाद सपा में एक निराशा हुई क्योंकि कन्नौज को भी सपा का गढ़ माना जाता रहा है। लंबे समय तक इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा था।

नेता जी के विरासत को बचाने मैदान में उतरी
2022 में मैनपुरी से सांसद रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद विरासत बचाने के लिए डिंपल यादव को मैदान में उतारा गया। 2022 के उपचुनाव में डिंपल यादव ने बड़ी जीत दर्ज की और तीसरी बार लोकसभा पहुंची।

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