वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं। आम जनता को इस बजट से काफी उम्मीदे है।
आम तौर पर अंतरिम बजट में सरकारें बड़ी घोषणाएं नहीं करती हैं। यूपीए के शासनकाल में वर्ष 2009 और वर्ष 2014 में अंतरिम बजट पेश हुआ, जिसमें सरकार ने कोई नीतिगत बदलाव नहीं किया और बड़ी घोषणाएं भी नहीं कीं। जबकि इसके उलट मोदी सरकार का पहला कार्यकाल खत्म होने के बाद वर्ष 2019 में पेश अंतरिम बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम किसान सम्मान निधि सहित कई नई योजनाएं शुरू करने का ऐलान किया, साथ ही टैक्स के मोर्चे पर भी लोगों को बड़ी राहत दी।
वर्ष 2009
तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अंतरिम बजट पेश किया। इस बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं की गई। उन्होंने कहा था कि संविधान के हिसाब से नई सरकार 2009-10 के लिए टैक्स और खर्च की नीति बनाएगी।
– किसानों की लोन माफी योजना को 06 माह के लिए आगे बढ़ाया।
– इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन स्कीम की शुरुआत, जिसमें विधवाओं को २00 रुपए का मासिक पेंशन। साथ ही विकलांगों के लिए पेंशन योजना की शुरुआत।
– विधवाओं को आइटीआई में प्राथमिकता और प्रति माह 500 रुपए का वजीफा देने की घोषणा।
वर्ष 2014
प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनाए जाने के बाद पी चिदंबरम ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और अंतरिम बजट पेश किया। इसमें चिदंबरम ने कैपिटल गुड्स, ऑटो मोबाइल और कुछ प्रोडक्ट्स पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी।
– छोटी कारों और बाइक पर एक्साइज ड्यूटी 12 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी की गई।एसयूवी पर एक्साइज ड्यूटी 30 फीसदी से घटाकर 24 फीसदी करने का ऐलान।
– भारतीय महिला बैंक की शुरुआत का ऐलान, आवास के लिए 8,000 करोड़ का कोष प्रदान किया गया।
वर्ष 2019
अंतरिम बजट में बड़ी घोषणाएं नहीं करने की परंपरा के तोड़ते हुए पीयूष गोयल ने वर्ष 2019 के अंतरिम बजट में कई नीतिगत बदलाव किए।
– 05 लाख तक आय वाले लोगों को इनकम टैक्स से छूट दी गई, 2.50 लाख से 5 लाख रुपए के स्लैब पर 5 फीसदी के दर से 12,500 रुपए टैक्स बन रहा था उसपर सरकार ने फुल रिबेट दे दिया।
– स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया।
– होम लोन पर 2 लाख रुपए तक का ब्याज टैक्सफ्री किया गया, वहीं एनपीएस में योगदान पर भी टैक्स छूट दी।
– प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का एलान किया गया जिसमें किसानों को तीन किस्तों में सालाना 6,000 रुपए देने का प्रस्ताव था।
– 750 करोड़ रुपए के आवंटन के साथ राष्ट्रीय गोकुल मिशन शुरू करने का एलान किया गया।
– श्रमयोगी मानधान स्कीम की भी घोषणा की गई, इसके तहत असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन के रूप में हर महीने 3000 रुपए देने की बात कही गई।