लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव भी आरोपी है।
बिहार में सत्ता परिवर्तन होते ही लालू परिवार की मुश्किलें बढ गई है। लालू यादव के बाद अब मंगलवार को सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए ED के दफ्तर पहुंचे हैं। बता दें कि सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव भी लैंड फॉर जॉब स्कैम में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए थे। यहां उन्होंने करीब 9 घंटे तक ED के सवालों का जवाब दिया था। वहीं, तेजस्वी के पहुंचने की खबर सनकर हजारों कार्यकर्ता ED ऑफिस के बाहर इकट्ठा हो गए हैं।
बता दें कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव भी आरोपी है। जांच एजेंसी को शक है कि लालू यादव ने नौकरी देने के बदले में लोगों से उनकी जमीन लिया था। उनमें से कुछ जमीन उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री के नाम पर भी रजिस्टर्ड किया गया।
रेलवे में नौकरी के बदले मांगी गई जमीन
ईडी ने कहा कि सीबीआई की FIR और आरोप-पत्र के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन देने के लिए कहा गया था। धनशोधन का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है। ईडी ने कहा, ‘लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों (राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव ) को आरोपी बनाया गया था, उन्हें अभ्यर्थियों के परिवारों से नाममात्र राशि के बदले जमीन हासिल हुई थी। आरोप-पत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक अभ्यर्थी से संपत्ति हासिल की थी और बाद में उसे हेमा यादव को ट्रांसफर कर दिया था।’
लैंड फॉर जॉब स्कैम को लेकर दिल्ली की कोर्ट ने पिछले हफ्ते आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने आरोपियों को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए 9 फरवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा। बता दें कि लालू परिवार के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद और उनके परिवार की जानबूझकर सहायता करने का उस पर आरोप है। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है।
सोमवार को लालू यादव से हुई थी पूछताछ
जमीन के बदले नौकरी मामले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव से दस घंटे तक पूछताछ की। पटना कार्यालय में सुबह 11 बजे से शुरू हुई यह पूछताछ रात नौ बजे तक चली। इसके बाद लालू यादव अपने घर चले आए हैं। पूछताछ के दौरान निदेशालय के बाहर भारी संख्या में कार्यकताओं और राजनीतिक समर्थकों को जमावड़ा रहा। यह जमावड़ा धीरे धीरे इतना बढ़ गया कि निदेशालय की सुरक्षा के लिए कार्यालय के बाहर एक बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।