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CBI के सामने पेश नहीं होंगे Akhilesh Yadav, खनन घोटाले का है मामला

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज CBI के सामने पेश नहीं होंगे। बता दें कि केंद्रीय एजेंसी ने खनन घोटाला मामले में उन्हें तलब किया था। सीबीआई ने अखिलेश को बतौर गवाह बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा था। सपा अध्यक्ष को आज ही दिल्ली आकर अपना बयान दर्ज कराना था, लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अखिलेश आज सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे।

अवैध रूप से लाइसेंस किए गए रिन्यू

केंद्रीय जांच एजेंसी ने अखिलेश यादव 21 फरवरी को CRPC की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया था। अखिलेश को 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। दरअसल 2019 में हमीरपुर में हुए 2012 से 2016 के बीच अवैध खनन का केस दर्ज किया गया था। इस केस में कई अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। सीएम अखिलेश यादव से उस समय की स्थिति की जानकारी ली जानी है। आरोप है कि 2012-16 के दौरान जब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो अधिकारियों ने अवैध खनन की अनुमति दी। खनन पर एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से लाइसेंस रिन्यू किए गए। आरोप है कि अधिकारियों ने खनिजों की चोरी होने दी, पट्टाधारकों से पैसे वसूले।

गायत्री प्रजापति की भूमिका की जांच

CBI ई-टेंडरिंग प्रक्रिया का कथित उल्लंघन करके खनन पट्टे जारी करने के मामले में अखिलेश यादव और उनकी कैबिनेट में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की भूमिका की जांच कर रही है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 2 जनवरी, 2019 को दायर अपनी एफआईआर में सीबीआई ने कहा था, मामले की जांच के दौरान संबंधित अवधि के दौरान संबंधित तत्कालीन खनन मंत्रियों की भूमिका पर गौर किया जा सकता है।

14 स्थानों पर ली गई थी तलाशी

जब लघु खनिजों के खनन में कथित अनियमितताएं हुईं तब अखिलेश और प्रजापति दोनों के पास 2012 और 2016 के बीच खनन मंत्रालय का प्रभार था। CBI ने 2012 और 2016 के बीच हमीरपुर में अवैध खनन से जुड़े मामले के सिलसिले में 5 जनवरी, 2019 को दिल्ली और यूपी में 14 स्थानों की तलाशी ली थी।

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