हिमाचल की कांग्रेस सरकार खतरे में आ गई है। एक राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कांग्रेस के 6 और 3 निर्दलीय विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। जिसके बाद से कांग्रेस में हलचल मच गई है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पद से हटाने की तैयारी में है। मंगलवार की रात शिमला के एक होटल में सीएम समेत कई मंत्री और विधायकों की मीटिंग हुई है। कांग्रेस आलाकमान नाराज विधायकों को वापस लाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री को बदलने पर विचार कर रही है। लेकिन उसके पहले विधायकों से सम्पर्क करके आश्वस्त होना चाहता है, इसके बाद खड़गे राहुल से चर्चा करके आखिरी फैसला करेंगे।
नेता प्रतिपक्ष ने की फ्लोर टेस्ट की मांग
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार को गवर्नर शिव प्रताप शुक्ला से मिलने पहुंचे। ठाकुर ने फ्लोर टेस्ट की मांग की है। अगर गवर्नर विपक्ष की मांग पर बहुमत साबित करने को कहते हैं तो मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू मुश्किल में पड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पार्टी के लगभग 20 विधायक सीएम से नाराज चल रहे हैं। ऐसे में पार्टी को टूट से बचाने के लिए कांग्रेस आलाकमान सीएम को बदलने का विचार कर रहा है।
विधायकों की नाराजगी सीएम से है, कांग्रेस से नहीं- कांग्रेस
सरकार गिरने के खतरे के बीच हालात संभालने के लिए कांग्रेस ऑब्जर्वर हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी CM डीके शिवकुमार शिमला पहुंच गए हैं। संकट में क्यों है हिमाचल की कांग्रेस सरकार, कांग्रेस और भाजपा के पास क्या मौके हैं। कांग्रेस के मुताबिक विधायकों की नाराजगी सीएम से है, कांग्रेस से नहीं। विधायक हरियाणा के पंचकूला में थे। इसलिए आलाकमान ने भूपिंदर हुड्डा से सम्पर्क किया। इसके साथ ही हरियाणा के नेता और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और डीके शिव कुमार, रेवन्त रेड्डी से भी सम्पर्क किया। अगर विधायक, मान गए तो मुख्यमंत्री बदलने की सूरत में नए सीएम के विश्वास मत लेने तक विधायकों को एक जगह रखने की कवायद।