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महंगाई फिर देगी झटका! आलू-प्याज, टमाटर की कीमतें फिर बढ़ने की आशंका

एक बार फिर महंगाई का झटका लग सकता है। चिंता की बात यह है कि अनाज, दलहन-तिलहन की पैदावार घट सकती है। इसके अलावा चीनी उत्पादन भी 4 प्रतिशत कम रहने का अनुमान है।

आगे भी महंगाई की मार पड़ सकती है। पिछले दो सप्ताह में आलू, प्याज, टमाटर जैसी प्रमुख सब्जियों की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसका असर खाद्य महंगाई दर पर दिख सकता है। उपभोक्ता मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, खुदरा बाजार में आलू के दाम में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है और यह फिलहाल 20 रुपए किलो बिक रहा है। वहीं प्याज की रिटेल कीमत में 20 फीसदी की बढ़त हुई है और यह 30-35 रुपए प्रति किलोग्राम है। टमाटर की कीमत सालाना आधार पर 50 प्रतिशत तक बढ़ी है।

अगले कुछ महीनों में टमाटर और आलू जैसी सब्जियों की कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है। जबकि पिछले साल इस अवधि दौरान टमाटर और आलू के दाम में क्रमश: 36 प्रतिशत और 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। हालांकि जुलाई 2023 में मानसून की खराब स्थिति के कारण टमाटर की कीमतों में 202 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई थी और देश के कई हिस्सों में यह 200 रुपए प्रति किलो तक बिका था। वहीं सीएमआइई के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अनाज उत्पादन 3.2 प्रतिशत घटकर 31.86 करोड़ टन रह सकता है।

गेहूं का उत्पादन बढऩे की उम्मीद

सीएमआइई के आंकड़ों के मुताबिक, कम पैदावार और अनियमित बारिश के कारण खरीफ और रबी में उत्पादन एक साल पहले की तुलना में कम होने का अनुमान है। पिछले साल 5.6 प्रतिशत कम बारिश हुई थी। इससे खरीफ की फसलों की बुवाई का रकबा कम हो गया। रबी में भी उत्पादन बाधित हो सकता है, क्योंकि चावल और सोयाबीन जैसी फसलों की देर से कटाई के कारण बुवाई में देरी हुई है। हालांति गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में थोड़ा अधिक हो सकता है।

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