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भारत की आत्मा और नियति हिंदू धर्म से जुड़ी है, इसकी रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य : सुरेश चव्हांके

गुरुग्राम। भारत विकास परिषद जिला गुरुग्राम की 12 शाखाओं द्वारा कल देर शाम परिषद के 60वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर ब्लिस बैंक्वेट हॉल, सेक्टर 17 में राष्ट्रीय मुद्दों पर एक विशाल वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और वंदे मातरम से हुआ। सुरेश जैन, राष्ट्रीय महामंत्री ने अपने विस्तृत सम्बोधन में परिषद की पिछले 60 वर्ष की यात्रा का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया और आने वाले भविष्य में परिषद की क्या भूमिका होनी चाहिए, इस पर अपने स्पष्ट विचार रखे।गोष्ठी के मुख्य वक्ता श्री सुरेश चौहान ने ओजपूर्ण सम्बोधन में सभागार में बैठे जनमानस के अंतर्मन को झिंझोड़कर रख दिया कि हिन्दुओं तुम कब तक इस देश के टुकड़े होते देखकर आँखें मुंदकर बैठे रहोगे।उठो अपने बच्चों को बहादुर बनाओ, देशभक्त बनाओ, उन्हें सही मायने में हिन्दू बनाओ। साथ ही उन्होंने अपने संबोधन के बीच में कुछ श्रोताओं के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।इसके बाद शिक्षाविद राज नेहरू, कुलपति विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी ने भारतीय संस्कृति के इतिहास और इसके ऊपर किये गये प्रहारों के बावजूद इसके क़ायम रहने पर अपने विचार रखे।

क्षेत्रीय महामंत्री राज कुमार अग्रवाल ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी वक्ताओं की प्रशंसा की एवं परिषद के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। अनिल बंसल ने सभी अतिथियों, सदस्यों का धन्यवाद किया।इतनी जबरदस्त बारिश और दुश्वार मौसम के बावजूद सभागार पूरी तरह भरा हुआ था। शहर के हर क्षेत्र, हर वर्ग से गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे और उन्होंने बड़ी शान्ति से अन्त तक सभी वक्ताओं को सुना। शहर से बोध राज सीकरी वाइस चेयरमैन सी.एस.आर, श्री गिरिराज ढींगरा, श्री सुरेंद्र खुल्लर, श्री नरेंद्र दत्त सैनी, श्री एच.एस चावला, श्री धर्मेंद्र बजाज आदि उपस्थित रहे।माननीय प्रताप सिंह, सह प्रान्त संघ चालक की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।

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