गणतंत्र दिवस से पहले हरियाणा सरकार ने राज्य के कैदियों की सजा में छूट का एलान किया है। कैदियों की सजा में 30 से 60 दिन की खास रिलीफ देने की घोषणा की है। बता दें कि ये छूट लंबी अवधि की सजा काट रहे कैदियों के लिए है। हालांकि इसमें उन कैदियों को छूट नहीं दी गई है जो हत्या जैसे गंभीर मामले में सजा भोग रहे हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि जिन अपराधियों को आजीवन कारावास, 10 साल या इससे ज्यादा समय की सजा सुनाई गई है, उन्हें 60 दिन और जिन अपराधियों को पांच साल या पांच साल से ऊपर और 10 साल से कम की सजा सुनाई गई है, उन्हें 45 दिन की छूट दी जाएगी। इसी तरह, जिन अपराधियों को 5 साल से कम की सजा सुनाई गई है, उन्हें 30 दिन की छूट दी जाएगी।
ऐसे कैदियों को नहीं मिलेगी राहत
गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी, 2024 को कारागार से पैरोल और फरलो पर आए सभी अपराधियों को भी यह छूट दी जाएगी। शर्त यह है कि जो कैदी अपने निर्धारित समय पर संबंधित कारागार में आत्म समर्पण करते हैं, तब ही कारावास के बचे हुए समय में यह छूट दी जाएगी। जिन अपराधियों को जुर्माना न भरने पर सजा हुई है, उन्हें यह छूट नहीं दी जाएगी। जिन अपराधियों को हरियाणा में आपराधिक न्याय क्षेत्र के न्यायालयों की ओर से दोषी ठहराया गया है, लेकिन वह हरियाणा के बाहर जेलों में अपनी सजा काट रहे हैं, वह भी यह छूट पाने के हकदार होंगे। हालांकि जो अपराधी जमानत पर हैं, उन्हें यह छूट नहीं मिलेगी।
बच्चों की हत्या,दुष्कर्म, अपहरण के कैदियों पर भी सख्ती
सरकारी अधिकारी ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि अपहरण, रेप के साथ हत्या, डकैती और लूटपाट, 14 साल से कम उम्र के बच्चों की हत्या, एसिड अटैक जैसे अपराधियों को सजा में कोई छूट नहीं दी जाएगी। साथ ही टैरोरिस्ट और डिसरैप्टिव एक्टिविटीज (प्रीवेंशन) अधिनियम-1987, कार्यालय गोपनीय अधिनियम-1923, विदेशी अधिनियम-1948, पासपोर्ट अधिनियम-1967, आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम-1961 की धारा 2 और 3, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 121 से 130, फिरोती के लिए किडनैपिंग, पोक्सो अधिनियम 2012 के तहत कोई अपराध, एनडीपीएस एक्ट के तहत धारा 32ए के तहत सजा काट रहे अपराधियों को भी ये छूट नहीं मिलेगी।