गुरुग्राम। फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री ने किसान चैंबर ऑफ कॉमर्स के बीच समझौता हुआ। एफआईआई महानिदेशक डॉ. दीपक जैन, पूर्व एमओएस कृषि मंत्रालय भारत सरकार सोमपाल शास्त्री, पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह की उपस्थिति में सुरेश देसवाल, महामंत्री केसीसी और हितेंद्र मेहता, एफआईआई ने समझौता पत्र द्वारा हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर डॉ. दीपक जैन ने भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि और किसानों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एफआईआई के पास वांछित औद्योगिक संपर्क, ज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धता है। एफआईआई 42 देशों और 22 राज्यों में अपने अध्यायों और समन्वयकों के माध्यम से राष्ट्र की नीतियों को आकार देने में एक विशिष्ठ काम रहा है। केसीसी का जनादेश किसानों को सशक्त बनाना और वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता प्राप्त करने की दिशा में नीतियों, व्यापार और साझेदारी के माध्यम से भारत के खाद्य और कृषि क्षेत्र की क्षमता को उजागर करना है।
कृषि, अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है और किसान इस क्षेत्र की रीढ़ हैं। एक ऐसा संगठन जो किसानों को उद्यमी के रूप में सोच सकता है, देश में गायब था। बीरेंद्र सिंह ने कहा कि एफआईआई कृषि आधारित उद्योग को प्रत्यक्ष पहुंच प्रदान करके उपज के फसल प्रबंधन के बाद किसानों तक पहुंच बना सकता है। उन्होंने कहा कि यह सहयोग विचारों को साझा करने, नेटवर्क बनाने और आधुनिक कृषि के विकास और आर्थिक मूल्य निर्माण के लिए साझेदारी बनाने के लिए एक मंच प्रदान करके कृषि जगत का समर्थन करेगा। धन्यवाद प्रस्ताव हरभजन सिंह और एसएस संधू ने दिया।
एफआईआई की ओर से डा. दीपक जैन, डीजी एफआईआई, हितेन्द्र मेहता, हरभजन सिंह, डॉ. शैलेंद्र व्यास, सीए यतींद्र खेमका, उदितेंदु वर्मा, संजीव अरोड़ा, दीपक मैनी, पीके गुप्ता, डॉ. एसपी अग्रवाल, डीपी गौड़, विनोद अग्रवाल, अनमोल गुप्ता आदि उपस्थित थे। केसीसी की ओर से सुरेश देसवाल, वीरेंद्र सिवाच व कर्नल दहिया आदि मौजूद रहे।