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जी-20 की शानदार मेजबानी और गुड गवर्नेंस से हरियाणा को मिली अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहना

गुरुग्राम, गुरुग्राम में पहली मार्च बुधवार से आरंभ हुई जी-20 शिखर सम्मेलन की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप की बैठक में हरियाणा सरकार को अच्छी मेजबानी तथा गुड गवर्नेंस के लिए आईटी आधारित सेवाओं से नागरिकों को मिल रही सुविधाऑ के लिए प्रशंसा मिली। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे तकनीक के प्रति सदैव जागरूक रहते हैं और उनके कार्यकाल में हरियाणा में गुड गवर्नेंस की दिशा में अनेक सफल प्रयोग हुए है। देश के अन्य राज्यों ने भी हरियाणा  के सफल कार्यक्रमों का अनुसरण किया है। उन्होंने यह बात जी-20 एंटी करप्शन वर्किंग  ग्रुप की बैठक का शुभारंभ करने के उपरांत गुरुग्राम में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही।केंद्रीय राज्य मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को इस साल जी-20 देशों की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है। जी-20 समूह की एंटी करप्शन वर्किंग ग्रुप (एसीडब्ल्यूजी) की पहली बैठक में भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस सुनिश्चित करने और वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने को लेकर जी-20 प्रतिबद्धताओं को मजबूत करने के लिए एकीकृत कार्रवाई की फिर से पुष्टि करेगा। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत सरकार की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान सरकार पर किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का दाग नहीं है और बीते आठ वर्षों के दौरान ईडी व अन्य एजेंसियों की कार्रवाई में 180 बिलियन डॉलर काले धन को रिकवर कर देश के विभिन्न बैंकों में वापस जमा किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि गुरुग्राम में इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान 20 सदस्य देशों, 10 आमंत्रित देशों और 9 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार-रोधी तंत्र को मजबूत करने पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा। इस बैठक में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने व आर्थिक अपराधों से निपटने के लिए सूचनाओं के आदान-प्रदान, भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों से संबंधित संपत्ति रिकवरी तंत्र को मजबूत करने व आपराधिक मामलों में घरेलू कानून प्रवर्तन अधिकारियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए मौजूदा पारस्परिक कानूनी सहायता ढांचे में सुधार और तंत्र को सरल बनाने पर व्यापक विमर्श किया जाएगा। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सचिव श्रीमती राधा चौहान भी उपस्थित रही।

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