सूरजकुंड (फरीदाबाद), 36 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले की मुख्य चौपाल पर बुधवार को नागालैंड की राजधानी कोहिमा से आए कलाकारों ने युद्ध क्षेत्र में विजय प्राप्त होने उपरांत किए जाने वाले वोक डांस की बेहतरीन प्रस्तुति देकर दर्शकों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। बता दें कि सूरजकुंड मेले में मुख्य चौपाल तथा छोटी चौपाल पर दिनभर देश-विदेेश से आए कलाकार अपनी-अपनी प्रस्तुतियां देकर पर्यटकों का मन मोह रहे हैं। प्रतिदिन मेले की दोनो चौपालों पर रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देख पर्यटक भी आनंद उठा रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को मेले की मुख्य चौपाल पर अर्मेनिया देश से अपनी कला का प्रदर्शन करने आए कलकारों ने हाईकोजोन गीत व नृत्य की बेहतरीन पेशकश दी, जिस प्रकार भारत देश में लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है, ठीक उसी प्रकार अर्मेनिया में अग्नि में मक्का इत्यादि अनाज डालकर एक साथ मिलकर खुशी के मौके पर अपने साजो-सज्जा के साथ प्रेमभाव के गीत व नृत्य कर खुशियां मनाते हैं। नाईजिरिया के अबुजा से आए कलाकारों ने आइजा नृत्य की सुन्दर प्रस्तुति देकर दर्शकों को खबू लुभाया। यह प्रस्तुति मछुआरे द्वारा नदी तथा समुन्द्र से मछली पकडकऱ जो उनकी रोजी रोटी का साधन है सायं जब घर लौटते हैं तो उस खुशी के समय यह नृत्य किया जाता है। अरूणाचल प्रदेश के कलाकारों ने भी लोक नृत्य प्रस्तुत कर पर्यटकों की तालियां बटोरी। किर्गीस्तान के कलाकारों ने कोमोज इंस्ट्रूमेंट पर जोलोगरीम डांस कर पर्यटकों को झुमने पर मजबूर कर दिया। इस अवसर पर मुख्य चौपाल पर देश-विदेश से आए कलाकार व उनकी टीम लीडर सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।