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मायावती की जान को खतरा, अचानक क्यों किया गेस्ट हाउस कांड का जिक्र? सरकार से मांगी सुरक्षा

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पोस्ट में पार्टी दफ्तर के लिए सुरक्षित स्थान की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी पार्टी करार दिया है।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला किया है। उन्होंने समाजवादी पार्टी से अपनी जान को खतरा बताया है और पार्टी दफ्तर बदलने की मांग की है। इतना ही नहीं, उन्होंने समाजवादी पार्टी को दलित विरोधी पार्टी बताया है। मायावती ने आज यानी 8 दिसंबर को अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘X’ पर पोस्ट किया और लिखा, “अब सपा मुखिया जिससे भी गठबन्धन की बात करते हैं उनकी पहली शर्त बसपा से दूरी बनाए रखने की होती है, जिसे मीडिया भी खूब प्रचारित करता है। वैसे भी सपा के 2 जून 1995 (गेस्ट हाउस कांड) सहित घिनौने कृत्यों को देखते हुए और इनकी सरकार के दौरान जिस प्रकार से अनेकों दलित-विरोधी फैसले लिए गए हैं। इनमें BSP UP स्टेटआफिस के पास ऊंचा पुल बनाने का कृत्य भी है जहां से षड्यन्त्रकारी अराजक तत्व पार्टी दफ्तर, कर्मचारियों और राष्ट्रीय प्रमुख को भी हानि पहुंचा सकते हैं जिसकी वजह से पार्टी को महापुरुषों की प्रतिमाओं को वहां से हटाकर पार्टी प्रमुख के निवास पर शिफ्ट करना पड़ा।”

मायावती ने पार्टी दफ्तर के लिए मांगी नई जगह
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी अगली पोस्ट में पार्टी दफ्तर के लिए सुरक्षित स्थान की मांग की। उन्होंने लिखा, “असुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा सुझाव पर पार्टी प्रमुख को अब पार्टी की अधिकतर बैठकें अपने निवास पर करने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि पार्टी दफ्तर में होने वाली बड़ी बैठकों में पार्टी प्रमुख के पहुंचने पर वहां पुल पर सुरक्षाकर्मियों की अतिरिक्त तैनाती करनी पड़ती है। ऐसे हालात में बीएसपी यूपी सरकार से वर्तमान पार्टी प्रदेश कार्यालय के स्थान पर अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने का भी विशेष अनुरोध करती है, वरना फिर यहां कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है. साथ ही, दलित-विरोधी तत्वों से भी सरकार सख़्ती से निपटे, पार्टी की यह भी मांग है।’

अखिलेश यादव को मायावती पर नहीं है भरोसा
दरअसल, अखिलेश यादव 7 दिसंबर को बलिया दौरे पर थे। यहां जब पत्रकारों ने उनसे इंडिया ब्लॉक में मायावती और बसपा को शामिल करने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने तंज भरे लहजे में पूछा, “उसके बाद का (2024 लोकसभा चुनाव) भरोसा आप दिलाओगे। बात भरोसे का है। अगर वह आती हैं तो आप में से कौन भरोसा दिलाएगा?” आपको बता दें कि बसपा और सपा ने यूपी में 2019 का लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था।

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