माफिया..सरगना…मोस्ट वांटेड..डॉन… जिसकी दहशत से पूरा पश्चिम यूपी कांप जाता था। राजधानी दिल्ली और हरियाणा तक जिसकी तूती बोलती थी, और पुलिस अधिकारी भी उन इलाकों में पोस्टिंग से कतराते थे। ढाई लाख का इनामी, तीन दर्जन से अधिक हत्या, लूट, फिरौती के मामले। ऐसे ही खंूखार अपराधी बलराज भाटी की कहानी आईए जानते हैं मार्कण्डेय पांडे से..
चील पक्षी अपने शिकार पर घंटों या दिनों तक ही नहीं हफ्तों महीनों तक नजर रखती है। पुलिस के इकबाल के आगे चुनौती बनकर खड़े गैंगेस्टर पर नजर रखने के लिए तीन-तीन राज्यों की एसटीएफ चील की तरह झपटना चाहती थी लेकिन हर बार वह बच जाता। हरियाणा के गुरुग्राम में पुलिस ने घेरेबंदी की लेकिन वह बचकर निकलने में कामयाब हो गया। बस चंद दिनों बाद ही नोएडा की सुबह..करीब सौ राउंड गोलियों से पूरा इलाका थर्रा गया और मोस्ट वांटेड मारा गया। वही मोस्ट वांटेड, जो पुलिस अधिकारी से बन गया था खंूखार मोस्ट वाटेंंड बलराज भाटी। दिनदहाड़े पुलिस और गैगेस्टर के बीच गोलियां चल रही थी, पूरा इलाका सील कर दिया गया था। सुबह मार्निंग वॉक पर जाने वालों को पुलिस सख्ती से आगे जाने से रोक दे रही थी। आगे चल रहा था पुलिस और खूंखार अपराधी गैंग का गैंगवार, जिसमें आखिरकार आंतक का पर्याय बन चुका बलराज भाटी ढ़ेर हो गया।
तीन राज्यों ने घोषित किया था इनाम
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली तीन राज्यों में अलग-अलग इनाम की रकम बलराज भाटी पर घोषित किया गया था। कुल ढाई लाख रुपए का इनामी बलराज भाटी मुखबिरों और गवाहों को मौत की नींद सुला देता था। पूरा नाम बलराज भाटी पुत्र गजराज भाटी निवासी ग्राम दूसरी थाना शिकारपुर का निवासी था। जिस पर यूपी ने 50 हजार तो दिल्ली, हरियाणा ने एक-एक लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
हुलिया बदलने के लिए प्लास्टिक सर्जरी करा लेता था
बलराज भाटी अपना हुलिया बदलने में उस्ताद था। वह लगातार अपना हुलिया बदल लेता, कई बार तो उसने अपनी पहचान बदलने के लिए और पुलिस को चकमा देने के लिए प्लास्टिक सर्जरी तक कराया। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उसके पास बलराज भाटी का सिर्फ एक ही फोटो था और वह भी काफी पुराना था। पुलिस यह नहीं समझ पाती कि अब वह कैसा है, कैसा दिखता है। उसके बाद भाटी लगातार अपना हुलिया भी बदलता रहता जो उसकी पहचान उजागर ही नहीं होने देता। तीन राज्यों की पुलिस से गैंगेस्टर काफी दूर की कौड़ी बना हुआ था।
कैसे बना गैंगेस्टर
साल 2007 में नोएडा में एक हत्या हुई, जिस मामले में बलराज को जेल जाना पड़ा था। जेल में गुजरे वक्त के दौरान उसकी मुलाकाम खूंखार और पेशेवर अपराधियों से हुई, जिसके बाद जेल से छूटकर वह पश्चिमी यूपी के लिए खौफ का कारोबारी बन गया। इसके बाद रंगदारी, वसूली और फिरौती के अनेक मामले दर्ज होते गए। वह पीछे मुडक़र नहीं देखा, पुलिस एक मामला दर्ज करती तबतक बलराज दूसरी और तीसरी वारदात कर चुका होता।
बुलंदशहर में दोहरे हत्याकांड में 140 गोलियां मारा
साल 2012 में उसने बुलंदशहर में दोहरे हत्याकांड करके यूपी पुलिस के इकबाल को बौना साबित कर दिया। यह हत्याकांड इतना विभत्स था कि बलराज ने अपने शिकार को एक-दो गोलियों से नहीं, बल्कि 140 गोलियां मृतक के जिस्म में उतार दिया। इसी दौरान बीजेपी के नेता विजय पंडित जो पश्चिम यूपी में माफिया राज और रंगदारी, वसूली का मुखर विरोध कर रहे थे उनकी पुलिस प्रोटेक्शन में ही हत्या कर दी गई। इस हत्या का इल्जाम भी बलराज भाटी पर लगा। अब लोगों का भी विश्वास पुलिस प्रशासन से उठने लगा था। उधर सपा की सरकार में हुए इस हत्याकांड में बलराज भाटी के गुनाहों की फाईल धूल फांकने लगी थी और देखते ही देखते साल 2017 में उत्तर प्रदेश में सरकार बदली और सिस्टम भी बदला, अफसर बदले, पुलिस के तौर-तरीके बदले…
फिर खोली गई गैंगेस्टर की क्राइम फाइल
इधर यूपी पुलिस ने पचास हजार का इनाम घोषित किया उधर उसने दिल्ली के एक कारोबारी को उसने पांच करोड़ की रंगदारी मांग कर दिल्ली पुलिस को भी चुनौती दे दी। सितंबर 2017, नंबवर 2017 और अक्टूबर 2018 तीन बार बलराज का सामना पुलिस से हुआ, लेकिन हर बार वह बचकर निकल जाता। इसी बीच वह कुख्यात सुंदर भाटी गैंग से भी वह जुड़ चुका था। इस दौरान सुंदर भाटी के जेल जाते ही बलराज ने वसूली और रंगदारी का धंधा संभाल लिया।
पुलिस की चाल में ऐसे फंसा बलराज
पश्चिमी यूपी के बुलंदशहर में बलराज के वसूली का कारोबार खूब फल-फूल रहा था, पुलिस की नींद हराम थी। उधर बीजेपी सरकार का माफिया राज को खत्म करने का ऐलान। पुलिस ने यह समझ लिया था कि सीधे-सीधे इस मायावी कुख्यात गैंगेस्टर को ठीकाने लगा पाना आसान नही है। तो पुलिस ने एक चाल चली और अफवाह फैलाया कि बलराज के नाम से वसूली कोई और कर रहा है। इसके बाद लोग बलराज के धमकी भरे फोन काल्स को नजरअंदाज करने लगे। इसी बीच नोएडा के भाजपा नेता शिव कुमार यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
23 अप्रैल सुबह छह बजे खेल खत्म…
पुलिस को जानकारी मिली की 23 अप्रैल को सुबह छह बजे बलराज नोएडा के सेक्टर 37 में रंगदारी वसूली करने आ रहा है। पुलिस को जानकारी मिलते ही हरियाणा पुलिस से इस जानकारी को साझा किया गया। जिस चौराहे पर गैंगेस्टर आने वाला था, वह काफी भीड़भाड़ वाला इलाका है, इसलिए पुलिस पूरा एहतियात बरत रही थी। कालिंदीकुंज से ओखला बैराज पार करते ही जैसे ही बलराज स्विफ्ट कार से निकला पुलिस ने घेरेबंदी चालू कर दी। इसके बाद बलराज खुद को चारों तरफ से घिरता हुआ देखकर पुलिस पर फायर कर दिया जिससे एक कांस्टेबल के पेट में गोली लगी। इसके बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरु कर दी। बलराज के दो साथी कार से उतरकर लोगों की भीड़ की तरफ भागे तो बलराज दूसरी दिशा में भागकर एक ढाबे की छत पर पहुंच गया। जहां से उसने सटीक निशाना लगाना शुरु किया। लेकिन अब उसका वक्त खत्म हो चुका था और चारों तरफ से घिर चुका गैंगेस्टर अपने अंजाम तक पहुंचा। इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।