गुरूग्राम जलवायु परिवर्तन का सिलसिला पिछले कई वर्षों से जारी है। जिसके कारण जहां पर्यावरण प्रभावित हो रहा है, वहीं प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों ने भी लोगों को जकडऩा शुरु किया हुआ है। हालांकि केंद्र व प्रदेश सरकारें बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयासरत हैं और विभिन्न व्यवस्थाएं भी की गई हैं, जोकि पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में लोगों को जागरुक करने के लिए एनवायरो लीगल फेडरेशन ऑफ इंडिया (ईएलएफआई) ने कार्यक्रम का आयोजन कर समाज के हर वर्ग से आग्रह किया है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने में सामूहिक प्रयास किए जाएं। इस कार्यक्रम में सरकारी व गैर सरकारी विभागों एवं संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। वक्ताओं ने कहा कि जलवायु के खतरों से निपटना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदूषण संकट और आपदाओं से निपटने के लिए एक भारतीय पर्यावरण सेवा की आवश्यकता है। प्रदूषण संकट, पर्यावरण क्षरण, पारिस्थितिक असंतुलन, जलवायु परिवर्तन और इसके परिणामस्वरूप मौसम और जल आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। बढ़ते पर्यावरण संकट के कारण बड़ी संख्या में देशवासी इसका शिकार बन परहे हैं। वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर, जल प्रदूषण, ठोस कचरे और कचरे का निपटान न करने से पर्यावरणीय खतरों को उजागर कर रहे हैं, जो तेजी से उनके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए खतरा बन रहे हैं। देश के प्रमुख शहर प्रदूषण हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार की नीतियों को लागू करने के लिए प्रशिक्षित कर्मियों को लगाया जाना चाहिए। हालांकि केंद्रीय पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस संकट से निपटने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया है। सरकार को इस दिशा में और अधिक प्रयास करने होंगे, तभी इस समस्या से निजात मिल सकती है।
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