समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के महासचिव पद से अपना इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं कि मैंने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव पद से अपना इस्तीफा का पत्र अखिलेश को भेज दिया है. अब इसका निर्णय सपा प्रमुख लेंगे.
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के महासचिव पद से अपना इस्तीफा दे दिया. बुधवार को जब यह पूछा गया कि क्या बीजेपी का हाथ थामेंगे? उन्होंने कहा कि जो भी होगा, उसका जवाब जल्द मिल जाएगा. अखिलेश यादव के पाले में अब बॉल है.
उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय की मैंने समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव पद से अपना इस्तीफा पत्र अखिलेश को भेज दिया है. आदिवासी दलित को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर मजबूती दें, जिस पार्टी के लिए काम कर रहा हूं, उसके छोटे-बड़े नेता मेरे बयान को निजी बयान दे रहे हैं. महासचिव का एक-दो बयान निजी हो सकता है.
सपा नेताओं को लेकर क्या बोले मौर्य, जानें
उन्होंने कहा कि कुछ छुटभैये नेता, जिनकी एक वोट बढ़ाने की औकात नहीं, मुझे बोलते ही मैंने अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया. गेंद अखिलेश के पाले में है. अभी महासचिव पद से इस्तीफा दिया है. फैसला अखिलेश लेंगे.
पूजा-अर्चना व्यक्तिगत श्रद्धा का विषय है. कोई भी धर्म हो, सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. सपा में जो कल पूजा हुई, उससे मेरा कोई संबंध नहीं हैं. मैने परसों अखिलेश को अपने इस्तीफे को लेकर अवगत कराया था, वो कुछ बोले नहीं, फिर मैंने इस्तीफा दे दिया. लगातार मेरे जो बयान आते हैं, वो किसी की आस्था को हर्ट करने वाला नहीं है. पूजा किसी का भी निजी मामला है.
बयानों से विवाद में रहे हैं मौर्य
बता दें कि मौर्य ने हाल ही में ‘सनातन धर्म’, हिंदुत्व और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के संबंध में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए ध्यान आकर्षित किया था. रामचरितमानस के बारे में उनकी टिप्पणियों ने भी काफी विवाद खड़ा कर दिया, जिसकी पार्टी के भीतर और बाहर सहित विभिन्न हलकों से निंदा हुई थी.
इसके बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने खुद को मौर्य के बयानों से दूर कर लिया और उनसे ऐसी टिप्पणियां करने से परहेज करने को कहा था, जो संभावित रूप से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती हैं.