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नेहरू तो जीरो वोट पाकर प्रधानमंत्री बने, बीजेपी ने मल्लिकार्जुन खरगे को याद दिलाया इतिहास

ओडिशा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी फिर से सत्ता में आते हैं तो आगे चुनाव नहीं होगा।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि जवाहरलाल नेहरू जीरो वोट पाकर देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी कैसे प्रधानमंत्री बने थे, ये बात भी सबको मालूम है। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने खरगे के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, क्या इंदिरा गांधी चुनकर आए थे, क्या राजीव गांधी चुनकर आए थे और नरसिम्हा राव कैसे देश के प्रधानमंत्री बनें, यह सब जानते हैं, लोकतंत्र के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए त्रिवेदी ने कहा कि उनकी पार्टी ने देश के लोगों को दो प्रधानमंत्री (अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी) दिए और दोनों को ही जनता ने चुना।

खरगे के बयान को आधारहीन और अनर्गल बताया

त्रिवेदी ने खड़गे के ‘अगर 2024 में मोदी सत्ता में आए तो भारत में चुनाव नहीं होंगे’ के बयान को आधारहीन और अनर्गल बताते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न हुए विधान सभा चुनावों में पूरी तरह ध्वस्त होने के बाद विपक्ष के इस तथाकिथत इंडी गठबंधन की यारी अब छिन्न-भिन्न हो गई है। इस बौखलाहट में अब कांग्रेस पार्टी आपत्तिजनक बयान देने पर आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आधारहीन और अनर्गल बयान दिया है।

परिवारवाद पर बोला हमला

सुधांशु त्रिवेदी ने 2019 के लोक सभा चुनाव में राहुल गांधी सहित अन्य विपक्षी नेताओं की हार का जिक्र करते हुए कहा कि 2019 के लोक सभा चुनावों में उत्तर से दक्षिण तक देश की प्रबुद्ध जनता ने लोकतंत्र के नाम पर राजतंत्र चला रहे नेताओं को सबक सिखाने का काम किया। कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार, पंजाब में बादल परिवार और हरियाणा में हुड्डा परिवार चुनाव हार गए।

राजस्थान में अशोक गहलोत के बेटे और उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की पत्नी चुनाव हार गईं, उत्तर प्रदेश में चौधरी अजीत सिंह और उनके बेटे चुनाव हार गए, बिहार में लालू यादव की बेटी चुनाव हारीं, तेलंगाना में केसीआर की बेटी चुनाव हारीं और परिवारवाद के सबसे बड़े प्रतीक राहुल गांधी भी चुनाव हारे (अमेठी से)।

पंडित नेहरु और इंदिरा गांधी के कार्यकाल का किया जिक्र

भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने अपनी तुलना हिटलर से करने पर एक पत्रकार को 2 साल के लिए जेल भेज दिया था। इंदिरा गांधी ने तो देश में आपातकाल लगाकर लोक सभा का कार्यकाल तक बढ़ा दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में एक जज पहले कांग्रेस से सांसद और फिर सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए। देश मे इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया का नारा दिया गया, जिस पर कांग्रेस ने आज तक माफ़ी नहीं मांगी है।

उन्होंने कहा कि पीवी नरसिम्हा राव ने पैसे देकर जिस तरह से सरकार बचाई थी, वह तो कोर्ट में भी साबित हो गया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की छाया में चली मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान हिंदू आतंकवाद जैसा शब्द गढ़ा गया। त्रिवेदी ने गुलाम के गुलाम होने वाले खड़गे के बयान की भी जमकर आलोचना की।

आगे उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू जीरो वोट पाकर देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। अप्रैल, 1946 में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक हुई जहां 16 कमेटियों में से एक ने पट्टाभि सीतारमैया और एक ने कृपलानी जी को वोट दिया था। बाकी सभी वोट सरदार वल्लभभाई पटेल को मिले।

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