पासपोर्ट इंडेक्स के टॉप-10 में एक बार फिर यूरोपीय देशों ने पैठ बनाई है। लिस्ट में दूसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया के साथ फिनलैंड और स्वीडन हैं, जजिनके पासपोर्ट 193 गंतव्यों तक बिना वीजा जाने की सुविधा देते हैं।
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2024 के मुताबिक, इस बार पहले नंबर पर एक-दो नहीं बल्कि छह देश हैं। यानी इन छह देशों के पासपोर्ट सबसे ताकतवर हैं। यह पासपोर्ट अपने नागरिकों को दुनिया के 227 गंतव्यों में से 194 में बिना वीजा के एंट्री की सुविधा मुहैया कराते हैं। जिन छह देशों ने पहले नंबर पर जगह बनाई है, उनमें यूरोप के फ्रांस, जर्मनी, इटली और स्पेन शामिल हैं। वहीं, लगातार पांच वर्षों से इस स्थान पर बने रहे एशियाई देश जापान और सिंगापुर एक बार फिर नंबर-1 हैं।
टॉप-10 में एक बार फिर यूरोपीय देशों ने पैठ बनाई है। लिस्ट में दूसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया के साथ फिनलैंड और स्वीडन हैं, जजिनके पासपोर्ट 193 गंतव्यों तक बिना वीजा जाने की सुविधा देते हैं। वहीं, तीसरे स्थान पर ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड और नीदरलैंड हैं, जिनके पासपोर्ट पर नागरिक 192 गंतव्यों पर वीजा-फ्री एंट्री ले सकते हैं। 191 गंतव्यों तक बिना वीजा के जाने की छूट के साथ ब्रिटेन ने चौथे स्थान पर जगह बनाई है।
भारत को इस लिस्ट में 80वें स्थान पर रखा गया है। भारतीय अपने पासपोर्ट के जरिए मौजूदा समय में 62 गंतव्यों पर बिना वीजा के जा सकते हैं। इनमें थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरिशस, श्रीलंका और मालदीव शामिल हैं। दूसरी तरफ भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो जहां 85 गंतव्यों में वीजा-फ्री एंट्री के लिए चीन को 62वें स्थान पर रखा गया है।
सबसे कमजोर पासपोर्ट की लिस्ट में शामिल पाकिस्तान?
वहीं, सबसे कमजोर पासपोर्ट की बात की जाए तो इसमें अफगानिस्तान का नंबर सबसे ऊपर है। हालांकि, पाकिस्तान का पासपोर्ट भी सबसे कमजोर की लिस्ट में चौथे नंबर पर है। युद्ध प्रभावित सीरिया और इराक के पासपोर्ट इस लिस्ट में दूसरे और तीसरे नंबर हैं। सबसे कमजोर पासपोर्ट में पाकिस्तान की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके पासपोर्ट की स्थिति युद्ध झेल रहे यमन और सोमालिया से भी खराब है। इसके अलावा नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका का पासपोर्ट भी कमजोर पासपोर्ट की लिस्ट में रखे गए हैं।