गुरुग्राम। जिस उम्र में बच्चे स्कूल जाने की शुरूआत करते हैं, उस उम्र में बालक हेयांश ने एवरेस्ट बेस कैंप फतह करके विश्व रिकार्ड बनाया है। हेयांश पूरे देश के बच्चों के लिए एक रोल माडल बन गया है। योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा गुरुग्राम के हेयांश कुमार को विश्व रिकॉर्ड बनाने पर सम्मानित किया गया।
गुरुग्राम जिला के गांव बाबरा बकीपुर के सामान्य से किसान परिवार से संबंध रखने वाला बच्चा आज विश्व रिकॉर्ड बना गुरुग्राम और हरियाणा का नाम पूरे विश्व में स्थापित कर चुका है। हाल ही में हेयांश कुमार पुत्र मनजीत कुमार पटौदी के एक निजी स्कूल में नर्सरी कक्षा का छात्र है। उसे सम्मानित करते हुए स्वामी रामदेव ने मंच के माध्यम से कहा कि हेयांश के पिता ऑर्गेनिक खेती करते हैं। अपने परिवार को सात्विक भोजन कराते हैं, जिसके परिणाम स्वरूप यह छोटा सा बालक माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप तक अपने पैरों तक जाने में सफल हुआ। उन्होंने बताया कि आज हेयांश से समस्त माता-पिता और बच्चों को प्रेरणा लेनी चाहिए। हेयांश के पिता मनजीत कुमार ने बताया कि माउंट एवरेस्ट का बेस कैंप समुद्र तल से 5364 मीटर की ऊंचाई पर है। हेयांश ने उसको मात्र 3 वर्ष 7 महीने 27 दिन की अल्पायु में भारत का ध्वज लहरा विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। यह अभियान मैनकाइंड फार्मा कंपनी के माध्यम से प्रायोजित था। इस अभियान से पूर्व हेयांश की ट्रेनिंग हिमाचल के पहाड़ों में धर्मशाला से ऊपर करेरी नामक स्थान पर हुई।