पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन नौकरी धोखाधड़ी रैकेट चलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह लोगों को ऑनलाइन नौकरी देने का प्रलोभन देते थे, जिसके बाद लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पुलिस टीम ने इन्हें असम से दबोचा है। आरोपियों की पहचान रफीउल इस्लाम, जहीरुल इस्लाम, अज़ीज़ुर रहमान और महबूब आलम के रूप में हुई है।
महिला से 25 लाख की धोखाधड़ी
यह गैंग लोगों को काम करने के बदले थोड़े पैसे देती थी, जिसके बाद पैसे दोगुना करने का लालच देकर पैसे ठगते थे। एडीजीपी साइबर क्राइम वी नीरजा ने जानकारी साझा करते हुए कहा कि गिरोह ने एक महिला से 25 लाख रुपए की ठगी की थी। जिसके बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया और मामले की जांच की गई। जांच में सामने आया कि धोखाधड़ी असम के अलग-अलग जिलों से की जा रही थी।
क्रिप्टो करेंसी का खेल
मामले की गहनता से की जांच के बाद सामने आया कि वे ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने के लिए कस्टमर सर्विसेज प्वाइंट चला रहे थे वे आम लोगों के दस्तावेजों के फोटोशॉप सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके फर्जी पैन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड बनाते थे, जिनका प्रयोग उन्होंने बैंक खाते खोलने और एक अन्य दोषी महबूब आलम के निर्देशों पर सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया था। बता दें कि महबूब आलम को गुवाहाटी जिले से अरेस्ट किया गया। वह अजीज़ुर रहमान के संपर्क में था, जिसने उसे कमीशन के आधार पर बैंक खाते मुहैया करवाने के लिए कहा था। पुलिस टीमों ने असम के मोरीगांव जिले से मुलजिम अजीज़ुर रहमान को भी गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य सरगना, जो विदेशों से इस धोखाधड़ी के गिरोह को चला रहे हैं, वे क्रिप्टो करेंसी में पैसे प्राप्त कर रहे थे।
23 राज्यों के 160 लोगों से धोखाधड़ी
पुलिस ने आरोपियों से दो बायोमेट्रिक स्कैनर, एक आई स्कैनर, दो स्वाइप मशीनें, 38 पैन कार्ड, एक फिंगर प्रिंट स्कैनर, 32 डेबिट
और क्रेडिट कार्ड, 10 वोटर कार्ड, 16 सिम कार्ड, 10 बैंक खातों की पासबुक/चेकबुक, 9 आधार कार्ड, पांच सरकारी रसीदी टिकट, एक लैपटॉप, दो पेन ड्राइव, पांच मोबाइल फोन, और एक एसबीआई आईडी कार्ड बरामद किया है। आरोपियों पर स्टेट साइबर क्राइम ब्रांच मोहाली में आईपीसी की धारा 420 और 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने अब तक 23 राज्यों के 160 लोगों के साथ धोखाधड़ी की है।