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अरविंद केजरीवाल के जीवन का टर्निंग प्वाइंट, ऐसे हुई सियासी सफर की शुरुआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वाराणसी में चुनौती देने वाले अरविंद केजरीवाल फरवरी 2015 में रिकार्ड बहुमत से दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री बने। दिल्‍ली विधानसभा की 70 में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्‍मीदवार जीतकर आए थे, और इस जीत के मुखिया थे अरविंद केजरीवाल। देश की राजनीति में केजरीवाल अन्ना आंदोलन की देन हैं। बता दें कि IRS की नौकरी छोड़ समाजसेवा की राह पर निकले अरविंद केजरीवाल को शुरुआत में अन्ना हजारे जैसे बड़े समाजसेवियों का समर्थन मिला।

केजरीवाल कितनी बार बने मुख्यमंत्री

साल 2013 में हुए दिल्ली के चुनावों में आम आदमी पार्टी को 28 सीटों पर जीत मिली थी और वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इस चुनाव में केजरीवाल ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बड़े अंतर से शिकस्त दी थी। कांग्रेस के समर्थन से केजरीवाल ने 49 दिनों की सरकार चलाने के बाद इस्तीफा दे दिया। एक साल बाद 2015 में फिर चुनाव हुए। इस चुनाव में केजरीवाल ने और अधिक मजबूती के साथ वापसी करते हुए 70 में से 67 सीटें अपने नाम की। 14 फरवरी 2015 को अरविंद केजरीवाल दूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने लगातार तीसरी बार नई दिल्ली विधानसभा सीट से जीत हासिल की।

केजरीवाल का परिवार

16 अगस्त 1968 को हरियाणा के हिसार जिले में जन्‍मे अरविंद केजरीवाल तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके पिता का नाम गोविंद और माता का नाम गीता है। केजरीवाल की पत्नी का नाम सुनीता है और वे IRS अधिकारी रह चुकी हैं। सुनीता ने अरविंद के मुख्यमंत्री बनने के बाद VRS ले लिया। उनके बच्चों का नाम हर्षिता और पुलकित है।

अरविंद केजरीवाल ने IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हैं। 1992 में उनका चयन IRS में हो गया, बाद में उन्‍होंने नौकरी छोड़ दी और सामाजिक कार्यों में लग गए। सरकारी कामों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए केजरीवाल ने ‘सूचना का अधिकार’ के लिए काम किया। इसके लिए उन्‍हें साल 2006 में मैग्सायसाय पुरस्कार प्राप्‍त हुआ।

जैसे-जैसे वक्त गुजरता रहा राजनीति में वह परिपक्व होते चले गए। राजनीतक करियर की शुरुआत में हर मुद्दे पर सड़क पर उतरने और खुलकर बोलने वाले केजरीवाल अब चुप से हो गए हैं। बेहद जरुरत होने पर ही वह अब बोलते हैं। केजरीवाल अब सुलझे राजनेता की तरह नजर आते हैं।

केजरीवाल की जिद

केजरीवाल के हाथ में ओएनजीसी से नौकरी का ऑफर लेटर आ चुका था। लेकिन उन्होंने जिद कर ली थी कि नौकरी तो उन्हें उसी टाटा स्टील में ही करनी है, जिसने इंटरव्यू में रिजेक्ट कर दिया। दरअसल, टाटा स्टील जमशेदपुर के साथ अरविंद केजरीवाल का पहला इंटरव्यू निराशा भरा था, उन्हें तब कंपनी ने नौकरी लायक समझा ही नहीं। केजरीवाल इतने जिद्दी ठहरे कि उन्होंने दोबारा इंटरव्यू के लिए टाटा स्टील कंपनी मुख्यालय तक गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें इंटरव्यू का बस एक और मौका मिल जाए तो वह अपने आप को साबित कर देंगे।

कंपनी ने उनकी गुहार सुनी और उनका फिर से इंटरव्यू लिया। केजरीवाल ने मिले मौके को भुनाया और खुद को साबित कर दिया। वह टाटा स्टील की नजर में नौकरी के लायक घोषित कर लिए गए। ट्रेनिंग के बाद जमशेदपुर में केजरीवाल टाटा स्टील में असिस्टेंट मैनेजर बने। टाटा स्टील में नौकरी करने के दौरान ही 1995 में उनका चयन आईआरएस में हो गया।

अन्ना आंदोलन से बदला जीवन

अन्ना आंदोलन अरविंद केजरीवाल के लिए बहुत बड़ा टर्निंग प्वाइंट रहा। अरविंद केजरीवाल ने अपने साथियों के साथ 2 अक्टूबर 2012 को आम आदमी पार्टी बनाई। राजनीति के अखाड़े में केजरीवाल के साथ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का अहम साथ मिला। मनीष सिसोदिया के बारे में एक बार अरविंद ने कहा था कि मनीष हमारे एनजीओ में साथ जुड़ने वाले कार्यकर्ता थे। जनलोकपाल बिल के लिए केजरीवाल ने समाजसेवी अन्ना हजारे के साथ आंदोलन किया, उनके इस आंदोलन से शांति भूषण, प्रशांत भूषण, संतोष हेगड़े, किरण बेदी जैसे दिग्गज लोग जुड़ते चले गए।

केजरीवाल की मोदी को चुनौती

2024 में अरविंद केजरीवाल एक बार फिर नरेंद्र मोदी को चुनौती देते दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने मोदी के मिशन 2014 की तरह भारत को एक बार फिर महान बनाने का मिशन शुरू किया है। केजरीवाल ने कहा है कि ‘जब तक भारत को दुनिया का नंबर- 1 देश नहीं बना देते, हम चैन से नहीं बैठेंगे। मैं देश के कोने-कोने में जाऊंगा और देश के 130 करोड़ लोगों का गठबंधन बनाऊंगा।

मोदी की तरह पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा है कि ‘अगर हम लोगों ने इन पार्टियों और इन नेताओं के भरोसे देश को छोड़ दिया तो अगले 75 साल भी देश आगे नहीं बढ़ेगा। इसके लिए भारत के हर व्यक्ति को साथ आना पड़ेगा। यही नहीं, मनीष सिसोदिया से लेकर राघव चड्ढा और संजय सिंह जैसे शीर्ष आप नेता कह रहे हैं- ‘पहले बोला जाता था कि मोदी बनाम कौन। अब कहा जा रहा है- मोदी बनाम केजरीवाल। लेकिन सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी के इस दावे में कितना दम है।

इंडिया’ गठबंधन और केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दिल्ली के लोगों से लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान करने की अपील की, ताकि उनकी आवाज संसद में सुनी जा सके और पानी का बढ़ा हुआ बिल माफ कर दिया जाए। राष्ट्रीय राजधानी में पानी के बढ़े हुए बिल के खिलाफ यहां आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार चलाने के लिए उन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ दिया जाना चाहिए।

दिल्ली में शराब नीति का आगमन

दिल्ली सरकार की शराब की नई आबकारी नीति 17 नवंबर 2021 को लागू हुई थी लेकिन नीति लागू होने के महज 4 महीने में शराब कारोबारियों ने कारोबार में हो रहे नुकसान के चलते लाइसेंस सरेंडर करने शुरू कर दिए। इससे सरकार को पॉलिसी लागू होने के साथ ही हर महीने करोड़ों रुपये नुकसान होना शुरू हो गया था। बता दें कि शराब घोटाले मामले में ED ने अब तक 14 लोगों की गिरफ्तारी की है। इससे पहले ईडी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। वहीं अब केजरीवाल भी इस मामले में बुरी तरह फसते हुए नजर आ रहें है। ED दिल्ली सीएम को आठ समन भेज चुकी है, केजरीवाल सात समन के बावजूद भी पूछताछ के लिए शामिल नहीं हुए है।

क्या हैं आरोप

आरोप है कि दिल्ली सरकार ने 2021-22 के लिए एक्साइज नीति के तहत जिन शराब व्यापारियों को लाइसेंस जारी किए थे, उन्होंने इसके लिए रिश्वत दी थी और साथ ही मनपसंद शराब व्यापारियों को ही लाइसेंस जारी किए गए। हालांकि आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों से इनकार किया। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गड़बड़ी के चलते शराब नीति को रद्द कर दिया था और सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। ईडी ने भी कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में मामला दर्ज किया था।

क्या है केजरीवाल का विजन

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘मेक इंडिया नंबर 1’ मिशन पर निकल पड़े हैं। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इस देश के 138 करोड़ लोगों को इस मिशन से जोड़ना है। केजरीवाल ने कहा कि लोगों में क्रोध है और सवाल है कि 75 साल में कई देश आजाद हुए और आगे निकल गए। उन्होंने कहा, अगर हम इस देश को इन नेताओं के भरोसे छोड़ देंगे, तो हम और पिछड़ जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा, मैं अपील करता हूं कि सभी 138 करोड़ लोग इस राष्ट्र मिशन के साथ जुड़ें। जिस दिन सभी 130 करोड़ लोग इससे जुड़ गए तो देश को नंबर 1 बनने से कोई नहीं रोक सकता।

केजरीवाल ने कहा था कि इस मिशन का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। इसलिए मैं बीजेपी, कांग्रेस, इस पार्टी उस पार्टी के लोगों से अपील करना चाहता हूं कि इस मिशन से जुड़ें। उन्होंने कहा, मैं देश के सभी राष्ट्रभक्तों से अपील करता हूं कि वे इससे जुडे़ं। केजरीवाल ने कहा कि हमें अब लड़ाई नहीं लड़नी है। हमने 76 साल लड़ाई में निकाल दिए। बीजेपी, कांग्रेस से लड़ रही है, कांग्रेस आप से लड़ रही है और इन सब के बीच में आम आदमी पिस रहा है।

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