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PM Modi की परीक्षा पर चर्चा, प्रेशर हैंडल करने के बताए Tips

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ में स्टूडेंट्स को बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पेपर्स को मनोरंजक और तनाव मुक्त बनाने से संबंधित पिछले पीपीसी कार्यक्रमों के सब्जेक्ट और व्यावहारिक सुझाव भी शेयर किए है। सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘मैं परीक्षा के तनाव को दूर करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से रणनीति बनाने के लिए परीक्षा योद्धाओं की सबसे यादगार सभा ‘परीक्षा पे चर्चा’ का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

आज ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि आप उस स्थान पर आए हैं, जहां भारत मंडपम के प्रारंभ में दुनिया के सभी बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने दो दिन बैठकर विश्व के भविष्य की चर्चा की थी। आज आप भारत के भविष्य की चिंता अपनी परीक्षाओं की चिंताओं के साथ-साथ करने वाले हैं। एक प्रकार से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरे लिए भी परीक्षा होता है। आपमें से बहुत से लोग हैं जो हो सकता है मेरी परीक्षा लेना चाहते हों।

खुद को मन से करें तैयार

पीएम ने इस बारे में बात करते हुए सबसे पहले प्रेशर के प्रकार बताए और शुरुआत उन्होंने इस सलाह से की कि, सबसे पहले तो खुद को मन से किसी भी प्रकार के प्रेशर के लिए तैयार करें। जब हम खुद को मन से तैयार करते हैं तो हम उतना परेशान नहीं होते। सबसे पहला प्रेशर वह होता है जो हम खुद से खुद के लिए क्रिएट करते हैं जैसे आज इतना पढ़ना है, इस दिन तक इतना कोर्स खत्म करना है, इतने बजे उठना है। जब हम ऐसे टारगेट पूरे नहीं कर पाते तो परेशान होते हैं। इसका इलाज ये है कि छोटे गोल बनाएं जो आप पूरे कर सकें। अगर सफल न हों तो परेशान न हों और फिर शुरुआत करें।

दूसरा प्रेशर जो मां-बाप, परिवार या बड़े भाई-बहन बनाते हैं। बार-बार बच्चों को टोकना, दूसरों से उनकी तुलना करना, उन्हें तानें देना। जब मां चुप हो जाए तो पिता जी डांटने लगते हैं। कुल मिलाकर घर में ये कमेंट्री बंद नहीं होती। पीएम मोदी ने मां-बाप से रिक्वेस्ट की कि पैरेंट्स इस तरह के व्यवहार से बचें। बच्चों को अच्छा पॉजिटिव माहौल दें और उनकी तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें और ना ही दिन रात पढ़ने के लिए कहें।

समझ का अभाव

तीसरा और आखिरी प्रेशर होता है समझ के अभाव का। यानी ऐसे दबाव या प्रेशर जो इमेजिनेरी होते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं होती और हम पूरे समय केवल डरते ही रहते हैं। जब मौका आता है तो हमें पता चलता है कि इसमें तो डरने की कोई बात ही नहीं थी इसलिए ऐसे प्रेशर से बचें। बिना प्रेशर के आप परीक्षाओं में बढ़िया कर सकेंगे।

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