लोकसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीखें बेहद नजदीक है। जिसको लेकर सभी पार्टियां चुनावी मैदान में जनता जनार्धन को अपने पक्ष में वोट डालने के लिए लगातार रेलियां कर रही है। वहीं इसी बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) भी एक्शन मोड में है। बीते दिनों TMC लीडर महुआ मोइत्रा को ED दो बार समन जारी कर चुकी है। आज उन्हें ED के समक्ष पेश होना था। मगर मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जानकारी है कि तृणमूल कांग्रेस लीडर महुआ मोइत्रा पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगी। दरअसल वे पूछताछ में सहयोग न करके अपने निर्वाचन क्षेत्र कृष्णानगर में चुनाव प्रचार करने जा रही हैं। आपको बता दें कि मामला कैश-फॉर-क्वेरी से जुड़ा हुआ है। वहीं बीते दिनों सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में उनके परिसरों पर छापेमारी की थी।
कैश-फॉर-क्वेरी मामले में हैं ED की रडार पर
पूर्व सांसद ने केंद्रीय जांच एजेंसी को अपने फैसले के बारे में बता दिया है और लोकसभा चुनाव पूरा होने तक उन्हें न बुलाने को कहा है। बता दें कि महुआ को केंद्रीय एजेंसी ने पहले भी दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था, हालांकि उन्होंने काम का हवाला देते हुए दोनो समन को भी नज़रअंदाज कर दिया था। कैश-फॉर-क्वेरी मामले में आरोपों की जांच के बाद दिसंबर में महुआ मोइत्रा को ‘अनैतिक आचरण’ का आरोपी बताते हुए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, मोइत्रा ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और दावा किया कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडानी ग्रुप की डील्स के बारे में सवाल उठाए थे।
क्या है कैश फॉर क्वेरी मामला
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को एक पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी की सासंद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में हाल ही में 61 सवाल पूछे थे, जिनमें से 50 सवाल अडानी ग्रूप पर केंद्रित थे। बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेदाग छवि को धूमिल करने और उनको असहज करने के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा और इस काम के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए। हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामें में इस बात को स्वीकार भी किया है, जिसको नजरअंदान नहीं किया जा सकता। हालांकि महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।