चंडीगढ़ : हरियाणा की खट्टर सरकार 800 स्कूलों को बंद करने की तैयारी में है। वहीं 7 हजार के करीब छात्रों को दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। यदि स्कूल की दूरी 1 किलोमीटर से अधिक है तो स्कूल जाने के लिए बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जाएगी। जिन स्कूलों में 20 से कम स्टूडेंट्स है वहां एजुकेशन डिपार्टमेंट ने जिलास्तर पर स्कूलों का ब्योरा मांगा था। जिसके बाद 820 प्राइमरी स्कूलों की पहचान हुई। वहीं MIS पर सूचना अपडेट होने के बाद स्कूलों की तादाद में कमी दर्ज की गई थी।
इन कारणों से अभिभावक नहीं कराते बच्चों का दाखिला
स्कूलों के मर्ज करने के फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे। इसके बाद सीएम मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने ऐसे बच्चों को ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक स्कूल में पढ़ने वालों बच्चों की संख्या में लगातार कमी के पीछे की वजह यह है कि कई स्कूल ऐसे हैं, जहां पर शिक्षकों (Teachers) की कमी है, जिससे सभी बच्चों पर टीचर ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में अभिभावक अपने बच्चे का स्कूल में एडमिशन नहीं करवाते हैं। वहीं कुछ स्कूल ऐसे हैं जिनकी काफी समय से मरम्मत नहीं कराई गई है। इसके चलते खतरा बना रहता है कि कहीं कोई बड़ा हादसा न हो जाए।
हाईकोर्ट ने लगाया था जुर्माना
सरकार दावा करती है कि उन्होंने प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। प्रदेश में स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की कमी के चलते हाल में ही हाईकोर्ट ने सरकार को 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।