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Earthquake: लद्दाख के कारगिल समेत मेघालय में भूकंप के तेज झटके, ये रहा भूकंप का केंद्र

मेघालय में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक आज दोपहर 2:37 बजे मेघालय के पूर्वी गारो हिल्स में भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 आंकी गई है। प्राथमिक जानकारी के मुताबिक किसी तरह के नुकसान की जानकारी नहीं है। वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला कारगिल में भूकंप से धरती कांप गई। कारगिल में रविवार दोपहर दो बजकर 42 मिनट पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 रही है। किसी तरह के जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है। इससे पहले लद्दाख में तीन जनवरी को भूकंप के झटकों से लोग सहम गए थे।

अरुणाचल प्रदेश में भी महसूस किए गए थे झटके

बीते दिनों अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए थे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने जानकारी देते हुए कहा कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। भूकंप की कंपन से स्थानीय लोग सहम गए। डर से लोग अपने घरों से बाहर आ गए। वहीं बीते दिनों राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एनसीआर के इलाकों में 23 जनवरी 2024 को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र चीन का दक्षिणी झिंजियांग रहा था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.2 मापी गई थी। 11 बजकर 39 मिनट 11 सेकेंड पर ये भूकंप आया। जमीन के 80 किलोमीटर अंदर इसका केंद्र बताया गया था।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

भूकंप आने पर क्या करें

भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। मज़बूत टेबल या किसी फर्नीचर के नीचे पनाह लें। टेबल न होने पर हाथ से चेहरे और सिर को ढक लें। घर के किसी कोने में चले जाएं और कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। बिस्तर पर हैं तो लेटे रहें, तकिये से सिर ढक लें। आसपास भारी फर्नीचर हो तो उससे दूर रहें। लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें, पेंडुलम की तरह हिलकर दीवार से टकरा सकती है लिफ्ट और बिजली जाने से भी रुक सकती है। कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल न करें, आमतौर पर इमारतों में बनी सीढ़ियां मज़बूत नहीं होतीं। झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें।

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