विधान परिषद नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस तरह से कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी, उसी तरह 1995 के गेस्ट हाउस कांड में ब्रह्मदत्त द्विवेदी समेत तत्कालीन भाजपा सदस्यों ने सपा के लोगों से मायावती की रक्षा की थी।
विधान परिषद नेता सदन और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर गेस्टहाउस कांड का मुद्दा उठाया। शनिवार को शून्य प्रहर में महिला अपराधों पर सपा सदस्यों की ओर से लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर केशव प्रसाद मौर्य बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की थी, उसी तरह 1995 के गेस्ट हाउस कांड में ब्रह्मदत्त द्विवेदी समेत तत्कालीन भाजपा सदस्यों ने सपा के लोगों से मायावती की रक्षा की थी। वहीं, इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से ‘वॉक आउट’ किया।
सपा के मुकुल यादव ने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाया। इस पर सपा नेता डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि वाराणसी में बीटेक की छात्रा के साथ गैंगरेप करने वाले भाजपा के आईटी सेल से जुड़े हैं। पुलिस ने घटना के अगले दिन ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया, फिर सत्ताधारी नेताओं के दबाव मे छोड़ा गया। इसमें तत्कालीन एसीपी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। लाल बिहारी यादव ने राज्य अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कानून के रखवाले ही उसके भक्षक बन गए हैं।
सपा सदस्यों ने सदन से कर दिया वॉक आउट
इस मांग पर जवाब देते हुए नेता सदन और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा सदस्यों पर पुरानी कहावत चरितार्थ होती है-”सूप बोले तो बोले, चलनिया भी बोले।” भाजपा सरकार में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाकर मृत्यु दंड तक दिलवाया जा रहा है। लड़कों से गलती हो जाती है, यह किसने कहा था, लोग अभी भूले नहीं हैं। इसके बाद सपा सदस्यों ने तत्कालीन एसीपी के खिलाफ जांच की मांग करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। वहीं, सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कार्यस्थगन प्रस्ताव अस्वीकार करते हुए प्रकरण आवश्यक कार्यवाही के लिए सरकार को भेज दिया।