रेलवे किराए में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट पर फोकस हो सकता है। साल 2023-24 के बजट के ऐलान से पहले वरिष्ठ नागरिकों की रेल यात्रा पर रियायत की संभावना है।
50 फीसदी की छूट
दरअसल कोविड महामारी के दौरान खराब वित्तीय हालत को देखते हुए रेलवे (Indian Railways) ने तीन कैटेगरी को छोड़कर सभी के किराए में रियायत बंद कर दी थी, इनमें वरिष्ठ नागरिक भी हैं। महामारी से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 फीसदी की छूट मिलती थी। अब कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में दूसरे सभी तरह की गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों को ये राहत नहीं बहाल की गई।
रेलवे सेक्टर पर टॉप फोकस
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 पेश कर दिया है। बता दें, इस साल अप्रैल और जून के बीच होने वाले आम चुनाव से पहले यह मोदी सरकार-2 का आखिरी बजट होगा। बजट पेश करने से पहले ही सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट में ऐसी कोई शानदार घोषणा नहीं की जाएगी। पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का रेलवे सेक्टर पर टॉप फोकस रहा। सरकार की ओर से राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के लिए उच्च पूंजीगत लागत आवंटित करने की संभावना है। पिछले साल सरकार ने इस क्षेत्र के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए का पूंजीगत लागत आवंटित किया था। यह अब तक का सबसे अधिक खर्च है, जो 2013-14 में किए गए खर्च से लगभग 9 गुना अधिक है।
ट्रेनों के निर्माण की प्रक्रिया
इसके अलावा, सरकार देश की पहली सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस के उत्पादन को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया है। फिलहाल इन ट्रेनों का निर्माण चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में किया जा रहा है। रेल कोच फैक्ट्री, नासिक और मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली में स्थित दो और रेलवे कारखानों में ऐसी ट्रेनों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरूआत
सरकार का ध्यान अपने नेटवर्क पर हाइड्रोजन ट्रेनों की शुरूआत पर होगा। पहली ओर, ये ट्रेनें शिमला, दार्जिलिंग आदि जैसे पहाड़ी इलाकों में चलेंगी। इसके अलावा, सरकार को स्वच्छता, यात्रियों के लिए भोजन की बेहतर गुणवत्ता, प्रतीक्षा के समाधान को बढ़ाकर यात्रियों के यात्रा अनुभव को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करने की संभावना है।