दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को ISIS ऑपरेटिव अम्मार अब्दुल रहमान की जमानत याचिका पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया है। उन्होंने 2021 के एनआईए मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार करने वाले ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने एनआईए को नोटिस जारी किया और उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। सुनवाई की अगली तारीख 12 मार्च, 2024 है।
इन धाराओं के तहत मामला दर्ज
रहीमन के वकील, अधिवक्ता अर्चित कृष्णा ने प्रस्तुत किया कि याचिकाकर्ता ने उसे जमानत देने से इनकार करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ यूएपीए की धारा 38 और 39 के साथ धारा 2 (ओ) और 13 के तहत आरोप तय किए गए हैं। वह दो साल से अधिक समय से हिरासत में है।
आरोप पत्र किया गया था दायर
ट्रायल कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इससे पहले 31 अक्टूबर, 2022 को आरोपी अम्मार अब्दुल रहमान पर अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ आईपीसी की धारा 120बी, धारा 2(ओ) के साथ पठित, धारा 13 के साथ पठित, धारा 38 और 39 के तहत आरोप लगाया गया था। यूए(पी) अधिनियम एनआईए ने शुरुआत में 8 सितंबर, 2022 को तीन आरोपी व्यक्तियों, मोहम्मद अमीन कथोडी उर्फ अबू याह्या, मुशाब अनवर उर्फ इब्नानवर और रईस रशीद उर्फ सचू के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
विदेश भाग जाने के आरोप
आगे की जांच के बाद, आठ के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है। आरोपी व्यक्ति, अर्थात् मुंदादिगुट्टू सदानंद मारला दीप्ति उर्फ दीप्ति मारला उर्फ मरियम, मो. वकार लोन उर्फ विल्सन कश्मीरी, मिझा सिद्दीकी, शिफा हारिस, ओबैद हामिद मट्टा, मदेश शंकर उर्फ अब्दुल्ला उर्फ दर्दन, अम्मार अब्दुल रहमान और मुजम्मिल हसन भट, जबकि आरोपी इरशाद थेक्के कोलेथ उर्फ बिलाई पर विदेश भाग जाने का आरोप है।