देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने गगां में अस्था की डुबकी लगाई और मां का आशिर्वाद लिया। भक्तों ने परंपरानुसार दान पुण्य भी किया। मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान के बाद जूते, अन्न, तिल, गुड़, गरम वस्त्र, कंबल दान करने से शनि और सूर्य देव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
नदियों में आस्था की डुबकी का है अधिक महत्व
इस दिन सबसे पहले गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर आप गंगा स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में तिल और गंगाजल मिलाकर स्नान कर दान करें। इससे ग्रह-दोष आदि दूर होते हैं। वाराणसी के अलावा, प्रयागराज, हरिद्वार, ऋषिकेश, पटना में भी गंगा में स्नान किया। मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का बहुत अधिक महत्व है।
इतने लाख तीर्थयात्रियों ने किया गंगा स्नान
पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि मकर संक्रांति पर गंगा सागर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य के ऊर्जा और खेल विभाग के मंत्री अरूप विश्वास ने कहा कि रविवार दोपहर तक 65 लाख तीर्थयात्रियों ने गंगा सागर में डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। उन्होंने कहा कि 14,000 पुलिसकर्मी तैनात करने के साथ 45 निगरानी टावर बनाए गए हैं और 1100 से अधिक सीसीटीवी
कैमरों से पल पल की अपडेट ली जा रही है।