भारत में आज भी मनपंसद शादी करना एक बड़ा मुद्दा है। दरअसल बच्चे अपने माता पिता से लव मैरिज के बारे में बातें करने से बहुत कतराते है। यह यूं कहें कि उन्हें बचपन से सब सिखाया पढ़ाया जाता है। जिस कारण से वे खुलकर अपनी बात नहीं रख पाते। एक शोध में सामने आया है कि बेटा हो बेटी अपनी मां से किसी हद तक लव मैरिज के बारे में खुलकर बात कर लेते है। वहीं दूसरी तरफ पिता जी से बात करना तो यूं समझिए कि बेहद कठिन है। कुछ प्रतिशत पेरेंट्स बच्चों के ज्ज़बातों को समझ पाते है। इस वजह से बच्चे कई बार मुश्किल रास्ता अपना लेतें है। जिससे परिवार को समाज के सामने लज्जित होना पड़ता है। इसलिए भी लव मैरिज के बारे में आज भी बच्चे खुलकर बात नहीं करते है।
पेरेंट्स को मनाना है कठिन
कुछ प्रतिशत परिवार अपने बच्चों की बातों को अच्छे से समझते और जान पाते है। अक्सर देखा जाता है कि शादीशुदा जोड़े लोग ये जरूर पूछते हैं कि आपकी अरेंज मैरिज है या लव मैरिज। भारत में ऐसा माना जाता है कि शादी सिर्फ दो लोगों के बीच में नहीं बल्कि दो परिवारों के बीच में होती है। ऐसे में लव मैरिज करने के लिए कपल्स को अपने घर वालों को मनाना पड़ता है और उसके लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है। इन दौरान कपल्स के मन में यह भी डर रहता है कि उनके पेरेंट्स शादी के लिए मानेंगे या नहीं।
पेरेंट्स को बनना होगा बच्चों का दोस्त
कई लोगों को तो अपने पेरेंट्स को मनाने में सालों लग जाते हैं। तो अगर आप भी लव मैरिज करना चाहते हैं और इसके लिए अपने पेरेंट्स की रजामंदी चाहते हैं तो इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। हर बच्चा अपने पेरेंट्स से बहुत प्यार करता है लेकिन बहुत से घरों में कई तरह की कम्युनिकेशन बाउंड्रीज होती हैं। जिससे पेरेंट्स और बच्चों के बीच में एक बहुत बड़ा गैप आ जाता है। अगर आपको लव मैरिज के लिए अपने पेरेंट्स को मनाना है तो आपको इन बाउंड्रीज को तोड़ना होगा और उनका दोस्त बनना होगा। अपने पेरेंट्स के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं और उन्हें इस बात का एहसास दिलाएं कि पार्टनर के आने के बाद भी उनका रिश्ता ऐसे ही बरकरार रहेगा।
पेरेंट्स के साथ कम्युनिकेशन बाउंड्रीज को तोड़ने के बाद उसने अपनी शादी के टॉपिक पर बात करें। यह जानने की कोशिश करें कि वह किस तरह की बहू या दामाद चाहते हैं। इस दौरान आप खुद भी उन्हें बताएं कि आपको किस तरह का इंसान पसंद है। जरूरी है कि आप अपने शब्दों का समझदारी से इस्तेमाल करें।
पेरेंट्स को दिलाना होगा भरोसा
अब जब बातचीत शुरू हो गई है, तो निर्णय लें और देखें कि आपके पेरेंट्स में से कौन उस चीज की ओर झुक रहा है जो आप चाहते हैं। हां, अगर दोनों हो सकते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं है, लेकिन अगर नहीं, तो आपको कम से कम एक पेरेंट को विश्वास में लेना होगा और फिर अपने पार्टनर को उनसे मिलवाना होगा।
सभी रिस्तेदार नहीें होते खिलाफ
सभी रिश्तेदार लव मैरिज के खिलाफ नहीं होते हैं। उनकी मदद लें, खासतौर पर उन लोगों की जो आपके अपने पेरेंट्स से बड़े हैं जिनका वे सम्मान करते हैं। यह दादा-दादी या बड़े चाचा-चाची भी हो सकते हैं। यदि किस्मत आपके साथ है, तो वे आपके पेरेंट्स को मनाने में सफल होंगे। अब आता है सबसे जरूरी हिस्सा जहां आपको अपने पार्टनर को परिवार से मिलवाना है। पार्टनर को परिवार के हर सदस्य के बारे में पूरी जानकारी देना न भूलें। इस तरह उसे पता चल जाएगा कि उन्हें कैसे संभालना है, और क्या बातें करनी है।