पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में तीन साधुओं पर हमला मामले में गिरफ्तार किए गए 12 लोगों को शनिवार को जिले के रघुनाथपुर उप-मंडल न्यायालय में लाया गया। इससे पहले दिन में पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक (SP) अविजीत बनर्जी ने कहा कि साधुओं के साथ मारपीट के मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
12 लोगों को किया गया अरेस्ट
एसपी ने कहा साधुओं की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जांच जारी है। बनर्जी ने कहा कि पुलिस ने साधुओं को हर संभव मदद दी और उनके वाहन की भी मरम्मत की गई। उन्होंने कहा जब पुलिस को जानकारी मिली तो वे घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत भी कराई है।
गलतफहमी के चलते शुरु हुआ विवाद
घटना तीन लड़कियों के साथ गलतफहमी के कारण हुई क्योंकि वे भाषा समझने में असफल रही थीं। तीनों लड़कियां पूजा के लिए काली मंदिर जा रही थीं, तभी कार उनके पास आकर रुकी और साधुओं ने उनसे कुछ पूछा। भाषा के मुद्दे के कारण गलतफहमियां हुईं, और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। स्थानीय जनता आई और साधुओं को दुर्गा मंदिर के पास ले गई और उनकी कार में तोड़फोड़ की। साधुओं के साथ भी मारपीट की गई।
तथ्यों को गलत तरीके से किया गया पेश
पुरुलिया पुलिस ने घटना पर बयान जारी कर कहा कि “कुछ हलकों” द्वारा तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। तथ्य यह है कि 11 जनवरी 2024 की दोपहर को काशीपुर के पास तीन स्थानीय नाबालिग लड़कियों के साथ गंगासागर जाने वाले तीन साधुओं के बीच भाषा की समस्या को लेकर गलतफहमी हो गई थी। लड़कियां डर गईं और स्थानीय लोगों ने अपहरण के प्रयास का आरोप लगाते हुए साधुओं के साथ मारपीट की और उनके वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। स्थानीय पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और साधुओं को बचाया। इस घटना पर एक विशेष मामले के आधार पर 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साधुओं को हर संभव सहायता प्रदान की गई, एक साधु ने बताया कि उनकी कार को अचानक एक बड़ी भीड़ ने रोक लिया और फिर उनके साथ मारपीट की गई।