22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा होगा। इसकी तैयारी चल रही है। VVIP को निमंत्रण दिया जा रहा है। राम मंदिर आंदोलन में अहमद भूमिका निभाने वाले अशोक सिंघल को याद किया जा रहा है। अशोक सिंघल के करीबी मनोज श्रीवास्तव ने को निमंत्रण नहीं मिला, जबकि उन्होंने अपना करियर छोड़कर राम मंदिर आंदोलन में कूदे थे।
PCS प्री क्वालीफाई करने के बाद अपना जीवन रामकाज में अर्पित कर दिया। उस समय सिविल इंजीनियर डिप्लोमा की डिग्री लेकर खुद पढ़ते और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे। मनोज ने बताया कि संघ से जुड़कर पूरे समय तक विस्तारक बने। अशोक सिंघल के कहने पर वह बजरंग दल, विहिप फिर भाजपा से जुड़े। बजरंग दल केे नगर संयोजक से लेकर प्रांत संयोजक बने। तब 2 प्रांत थे।
2015 में मनोज श्रीवास्तव में भाजपा में शामिल हुए
मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि 3 अगस्त 2015 को विश्व हिंदू परिषद ने प्रयागराज में विदाई समारोह रखा गया, जहां अशोक सिंघल ने शामिल होकर आशीर्वाद दिया था। सेवा क्षेत्र से राजनीति में आया। नये क्षेत्र में आने के बाद कुछ लोगों को मैँ खटकने लगा। जब पार्टी में उपेक्षित हुआ तो 2023 में मैं किनारा कर लिया। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रसेवा मंच बनाकर सेवा में जुट गया। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जेल में रहा।
पुलिस को दिया चकमा
गंगा सागर दुबे, लाल बहादुर सिंह, अंबरीश सिंह, विधायक गुलाब सिंह, साकेत पांडेय, मनोज जायसवाल, संजय जायसवाल, कमलेश तिवारी और पारसनाथ सिंह आदि जेल में रहे। उन्होंने आगे बताया कि तत्कालीन कटरा कोतवाली प्रभारी दलबल के साथ मुझे पकड़ने आये थे। पुलिस ने मुझसे ही मनोज का घर पूछा। मैंने अपना ही घर बताया। इसके बाद साइकिल चलाते हुए निकल गया। पुलिस घर पहुंची। मां ने बताया अभी तो साइकिल से बाहर गया है। कुछ दिन बाद रेलवे से उसी थाना प्रभारी ने मुझे गिरफ्तार किया और हंसते हुए चकमा देने की याद दिलाया। मुझे जौनपुर के अस्थायी जेल में 20 दिन रखा गया था। उन्होंने आगे बताया कि ललक के चलते आज भी राष्ट्रवााद मंच से सेवा जारी है।