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म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट ट्रम्पेट के डिजायन में बनाया है गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेस-वे पर फ्लाईओवर

-पूरे द्वारका एक्सप्रेस-वे पर फ्रांस के एफिल टावर जितना लगा है स्टील
-गुरुग्राम-दिल्ली से आने-जाने वालों के लिए आधा समय घटाएगा यह रास्ता
गुरुग्राम।
 आपने शादी-विवाह में बैंड पार्टी में देखा होगा ट्रम्पेट म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट। उसमें स्टील की पाइप को घुमावदार बनाकर एक आकार दिया जाता है। ठीक उसी तरह से बनाया गया है गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-83-84 के पास का फ्लाईओवर। इसे नाम भी ट्रम्पेट फ्लाईओवर दिया गया है। हवाई चित्र या वीडियो में देखने से इसका सही आकार आपको नजर आएगा। वर्ष 2006 में कांग्रेस सरकार में इसे बनाने के लिए प्र्रस्ताव तैयार किया गया था, जो अब 17 साल बाद जनता को समर्पित होने जा रहा है। करीब 9 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार किए जा रहे 27.6 किलोमीटर के गुरुग्राम-द्वारका एक्सप्रेस-वे का गुरुग्राम के हिस्से में काम लगभग पूरा हो चुका है। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निकट महिपालपुर स्थित शिवमूर्ति के पास से द्वारका एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-48 से (पुराना एनएच-8) गुरुग्राम के लिए कट जाएगा। इसके बनाने का मुख्य कारण यही है कि दिल्ली से आने वाला यातायात दिल्ली के इस हिस्से व गुरुग्राम के बीचों-बीच जाम का का कारण ना बने। आधे से ज्यादा वाहनों को दिल्ली से सीधे जयपुर या अन्य स्थानों के लिए जाना होता है। ऐसे में वे अब तक अनावश्यक ही दिल्ली-गुरुग्राम के जाम में फंसे रहते हैं। जैसे ही यह एक्सप्रेस-वे चालू होगा तो वाहन नॉन स्टॉप महिपालपुर से गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के पास उतरेंगे और आगे निकल जाएंगे।
जून 2024 जून 2024 में जनता के लिए इसे पूरी तरह से खोल दिया जाएगा। हालांकि इस पर वाहन अभी से फर्राटा भर रहे हैं। इस एक्सप्रेस-वे पर सेक्टर-83-84 के पास बनाया गया फ्लाईओवर व टर्निंग प्वायंट अहम है। गढ़ी-हरसरू फ्लाईओवर से जब आगे बढ़ेंगे तो थोड़ी दूरी पर ही मुख्य फ्लाईओवर से कटकर एक अन्य फ्लाईओवर उसकी ऊंचाई पर बनाया गया है। मुख्य फ्लाईओवर आगे से लेफ्ट साइड में मुड़ जाएगा, जो कि सीधे एनएच-48 होते हुए आगे खत्म होगा। फिर सड़क मार्ग वाटिका चौक होते हुए फरीदाबाद रोड में मिल जाएगा। वाटिका चौक पर भी अंडरपास का काम जारी है। बात करें ट्रम्पेट फ्लाईओवर की तो मुख्य फ्लाईओवर में से कटकर जो फ्लाईओवर अलग से ऊंचाई पर बनाया गया है, आगे चलकर वह लेफ्ट साइड में मुड़ते हुए वापस मानेसर की तरफ उतारा गया है। यानी द्वारका से आने वाले वाहन अगर एनएच-48 पर जाना चाहते हैं तो वे मुख्य फ्लाईओवर से जाएंगे और मानेसर व अन्य सेक्टर्स की तरफ जो जाना चाहते हैं वे इस ट्रम्पेट फ्लाईओवर का इस्तेमाल करेंगे।
फ्लाईओवर्स पर दोनों ओर लगाए ध्वनि रोधक बैरिकेट
पूरे द्वारका एक्सप्रेस-वे के फ्लाईओवर्स पर दोनों ओर ध्वनि रोधक बैरियर भी लगाए गए हैं, जो कि ऊपर चलने वाले वाहनों की आवाज को नहीं फैलने देेंगे। यानी वाहनों की आवाज आसपास रहने वाले लोगों को परेशान नहीं करेगी। फिलहाल यहां नए प्रोजेक्ट आने शुरू हुए हैं। आने वाले 5-10 साल में इस क्षेत्र में आबादी बढ़ेगी। एनएच-48 से द्वारका तक इस एक्सप्रेस-वे अन्य दिशाओं में जाने की बात करें तो गुरुग्राम से जयपुर के लिए, रेवाड़ी के लिए, झज्जर के लिए, नजफगढ़ के लिए पहला प्वायंट दौलताबाद चौक व दूसरा प्वायंट बजघेड़ा होगा।

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