जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार को चुभने वाले कई शब्दों को असंसदीय शब्दों सूची में डाले जाने पर बिफरे विपक्ष ने अपने तेवरों से साफ कर दिया है कि संसद के मानसून सत्र में महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, सीमा पर चीनी घुसपैठ से लेकर सेना की नई भर्ती स्कीम अग्निपथ के खिलाफ सरकार पर तगड़े प्रहार में वह कोई कसर नहीं छोड़ेगा। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई शीर्ष नेताओं की बैठक में कांग्रेस ने मानसून सत्र के दौरान सरकार की घेरेबंदी के लिए मुद्दों की फेहरिस्त और पार्टी की रणनीति तय कर ली।
अब विपक्षी खेमे के अन्य सभी दलों को इन मुद्दों पर एकजुट कर दोनों सदनों में चर्चा कराने के लिए सरकार को बाध्य करने की रणनीति बनेगी। संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के नेताओं की इस सिलसिले में रविवार को बैठक प्रस्तावित है।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की संसदीय रणनीति समूह की गुरूवार को हुई बैठक में तय हुआ कि एलपीजी रसोई गैस से लेकर जरूरी वस्तुओं की लगातार बढ़ती महंगाई, डालर के मुकाबले लगातार लुढ़कते रुपए की कीमत और अर्थव्यवस्था की डांवाडोल हालत चिंताजनक है और सरकार की नीतिगत खामियों के चलते हालात ज्यादा गंभीर हो रहे हैं।
इस बैठक में शामिल राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इन हालातों की वजह से बरोजगारी की दर भी बेहद चिंताजनक तरीके से बढ़ रही है और लाखों लोग लगातार रोजगार गंवा रहे हैं। सरकार इनका हल निकालने की बजाय दशकों की मेहनत से बनाई गई सरकारी कंपनियों और संपत्तियों को बेच रही है और इसलिए संसद में सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए इन मसलों पर चर्चा जरूरी है।
कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक में कांग्रेस ने ‘नफरत और उन्माद के बढ़ते माहौल’ पर भी चिंता जताई गई। पार्टी के शीर्ष नेताओं का कहना था कि भाजपा चौबीसो घंटे चुनावी एजेंडे के हिसाब से देश में ध्रुवीकरण का माहौल बनाए रखना चाहती है जो देश के लिए घातक है।
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने कहा भी कि भाजपा और मोदी सरकार देश में आपसी बंटवारे की सियासत कर रही है और इसका संसद से सड़क तक कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर तगड़ा मुकाबला करेगी। चीन के मुद्दे पर खुद राहुल गांधी लगातार हमलावर हैं।
मानसून सत्र के दौरान विपक्षी दल किसानों के साथ हुए समझौते पर पूरी तरह अमल नहीं होने के सवालों, विपक्षी सरकारों को गिराने की भाजपा की कथित साजिश से लेकर संघीय ढांचे पर प्रहार करते हुए राज्यों के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी है। सोनिया गांधी के साथ रणनीतिक समूह की बैठक में खड़गे और अधीर के अलावा पी चिदंबरम, केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, के सुरेश, मणिक्कम टैगोर आदि मौजूद थे।