शेयर बाजार

Rupee vs Dollar: रुपये में लगातार चौथे दिन रिकॉर्ड गिरावट, एक अमेरिकी डॉलर 80 के करीब

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रुपये में आज लगातार चौथे दिन रिकॉर्ड गिरावट (Rupee hits record low) दर्ज की गई और यह एक डॉलर के मुकाबले 80 के करीब पहुंच गया। गुरुवार को बाजार बंद होने पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे गिरकर 79.90 के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर (US Dollar) के बढ़ते दबदबे और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की जाने वाली बिकवाली के चलते रुपये की कीमत में आगे और गिरावट आने की आंशका जताई जा रही हैं।

गुरुवार को मुद्रा बाजार में कारोबार शुरू होते ही रुपया गिरकर 79.74 के नए निचले स्तर पर आ गया। इससे पहले रुपये का न्यूनतम स्तर 79.66 था। बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 79.62 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था।

लगातार मजबूत हो रहा है डॉलर

डिमांड अधिक होने के कारण अमेरिकी डॉलर दूसरी करेंसी के मुकाबले लगातार मजबूत हो रहा है। दरअसल, मंदी की बढ़ती आशंकाओं ने अमेरिकी डॉलर की लिवाली को तेज कर दिया है और इससे दुनिया के सभी बाजारों में डॉलर की स्थिति मजबूत होती जा रही है। उधर अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति से अनुमान लगाया जा रहा है कि फेडरल रिजर्व महंगाई को काबू में लाने के लिए सख्त उपायों की घोषणा कर सकता है। बुधवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जून में 41 साल के उच्चतम स्तर 9.1 फीसद पर पहुंच गया। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी होने के बाद बाजार पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि फेड इस महीने अपनी अगली बैठक में उधारी लागत को एक प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति से भारत सहित उभरते बाजारों में डॉलर के प्रवाह में और कमी आई है, जिससे रुपये को नुकसान हो रहा है।

ये फैक्टर भी हैं जिम्मेदार

रुपये के लगातार गिरने के पीछे कमोडिटी के आयात का बढ़ता आयात भी जिम्मेदार है। भारत के कुल आयात में अकेले कच्चे तेल का हिस्सा 80 फीसद से भी अधिक है, जबकि कुल इंपोर्ट बिल में तेल का हिस्सा 50 फीसद से ज्यादा है। जब तक तेल के आयात पर इतनी निर्भरता बनी रहेगी, रुपये की गिरावट को थामना आसान नहीं होगा। इसके पीछे प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियां भी जिम्मेदार हैं। मूडीज की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब मौसम, COVID-19 महामारी, चीन में लॉकडाउन और यूक्रेन पर रूस के आक्रमण से इस साल वैश्विक आपूर्ति चेन तहस-नहस हो गई है और इसके चलते कीमतें बढ़ी हैं। रेटिंग एजेंसी मूडीज को आशंका है कि अगले कुछ महीनों में ऊर्जा और खाद्य पदार्थों की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।

 

3 Comments
  1. sanrio jirai kei 3 months ago

    I am curious to find out what blog platform you have been using?
    I’m experiencing some minor security issues with my latest
    blog and I’d like to find something more secure. Do you have any suggestions?

  2. Georgia 3 months ago

    Attractive section of content. I just stumbled upon your web site and in accession capital to assert that I get actually
    enjoyed account your blog posts. Anyway I’ll be subscribing to your feeds and even I achievement you access consistently quickly.

  3. Kawaii Clothing 2 months ago

    A person essentially lend a hand to make critically posts I would
    state. That is the first time I frequented
    your website page and so far? I amazed with the analysis you made to create this particular
    post amazing. Great activity!

Leave a Comment

Your email address will not be published.

You may also like