दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है, बार-बार ED के समन का पालन न करने पर Enforcement Directorate (ED) ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने पूछताछ में सहयोग न करने को लेकर केजरीवाल को समन जारी किया है जिसमें उन्हें 16 मार्च को हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं, वहीं बीते दिनों केजरीवाल ने कहा था कि मैं पूछताछ के लिए तैयार हूं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो जाऊंगा और पूछताछ में सहयोग करुगा। वहीं अब कोर्ट के समन के बाद केजरीवाल दुविधा में घिरते दिखाई दे रहें है।
केजरीवाल को ED के आठ समन
दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आठंवा समन भेजा था, जिसमें केजरीवाल को चार मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया था। ईडी ने केजरीवाल को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा लेकिन वे कार्यालय नहीं आए। आम आदमी पार्टी ने कहा कि जब मामला कोर्ट में है तो ईडी बार-बार समन क्यों भेज रही है। ईडी को कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
AAP पार्टी ने उठाए सवाल
बता दें कि केजरीवाल को बार-बार समन भेजने को लेकर AAP पार्टी ने सवाल उठाया था कि आखिरी ED किस आधार पर यह समन भेज रही है। जब ED खुद इस मामले को लेकर कोर्ट गई है तो इंतजार क्यों नही कर सकती। ED सिर्फ अरविंद केजरीवाल को डराना चाहती है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का कहना है कि चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से फैसला सुनाया है, उसी का बदला अरविंद केजरीवाल से लिया जा रहा है। अगर ये सिर्फ लीगल मामला होता तो ED कोर्ट के फैसले का इंतजार करती। आम आदमी पार्टी इससे डरने वाली नहीं है।
जानिए क्या है पूरा मामला
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच में समन का पालन नहीं करने के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध करते हुए एक कोर्ट में नई शिकायत दर्ज कराई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई शिकायत PMLA की धारा 50 के तहत ED द्वारा AAP के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को भेजे गए समन संख्या 4 से 8 का पालन नहीं करने से संबंधित है।
क्या है दिल्ली आबकारी नीति
दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति 2021-22 में लेकर आई। सरकार इस नई नीति के माध्यम से शराब खरीदने का नया अनुभव लोगों को देना चाहती थी। नई नीति में होटलों के बार, क्लब्स और रेस्टोरेंट्स को रात 3 बजे तक खुले रखने पर कोई मनाही नहीं थी। इसमें छत समेत खुली जगह पर भी शराब परोसने की इज़ाजत दी गई थी। इससे पहले खुले में शराब पर रोक थी। इसके अलावा बार काउंटर पर खुल चुकीं बोतलों की शेल्फ लाइफ पर कोई पाबंदी नहीं रखा गया था। नई पॉलिसी में किसी भी शराब की दुकान पर सरकार का मालिकाना हक नहीं रखने का प्रावधान था। नई पॉलिसी में कंज्यूमर की चॉइस और ब्रैंड्स की उपलब्धता को अहमियत दी गई थी। इसका उद्देश्य स्मगलिंग और बूटलेगिंग रोकना था। नई पॉलिसी में सबसे खास बात थी कि ई-टेंडरिंग के जरिए हर जोन ऑपरेटर के लिए नया L-7Z लाइसेंस अलॉट किया जाना था।
दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर कार्रवाई की। सिसोदिया के खिलाफ सबूतों को मिटाने के अलावा आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश की सजा) और 477ए (खातों में हेरफेर) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के साथ (भ्रष्ट या अवैध तरीकों से या किसी लोक सेवक को प्रभावित करने के लिए अनुचित लाभ उठाना) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।