लखनऊ के जानकीपुरम के पास आनंद आश्रम है. यहां गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ले ली थी. समाधि लेने से पहले आशुतोषाम्वरी ने एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में वह कहती हुई दिखाई दीं कि वह इसलिए समाधि में जा रही हैं, ताकि उनके गुरु आशुतोष महाराज अपने शरीर में वापस आ जाएं.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ के सीतापुर रोड पर बने आनंद आश्रम की गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी को समाधि ले ली थी. सात दिन बाद साध्वी के शरीर की जांच करने के लिए मेडिकल टीम उनके आश्रम पहुंची थी. इस दौरान साध्वी की सांस नहीं चल रही थी. हार्ट बीट भी नहीं चल रही थी. ऐसी खबर आई कि मेडिकल टीम की ईसीजी टेस्ट में साध्वी के शरीर में एक्टिविटी देखी गई. अब सीएचसी के अधीक्षक डॉ जेपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि जांच में हार्टबीट बंद थी. वहीं ईसीजी रिपोर्ट में स्टेट लाइन थी.
डॉ जेपी सिंह के मुताबिक, ईसीजी रिपोर्ट में स्टेट लाइन होने का मतलब विज्ञान की भाषा में डेथ माना जाएगा. इसलिए Electroencephalogram (EEG) टेस्ट करवाना जरूरी है. इसके लिए आश्रम को भी लिखित में सलाह दी गई है. EEG एक दर्दरहित टेस्ट है, जिसके जरिए दिमाग की गतिविधि को तरंगों के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाता है. यह टेस्ट इसलिए किया जाता है ताकि यह पता चल सके कि दिमाग काम कर रहा है या नहीं.
ईसीजी की रिपोर्ट स्टेट लाइन -डॉ जेपी सिंह
सीएचसी के अधीक्षक डॉ जेपी सिंह ने बताया कि साध्वी के शरीर की जांच करने के लिए सीएचसी से डॉक्टर के साथ टेक्नीशियन गए थे. जब शरीर की ईसीजी जांच की जा रही थी तो वहां पर कई लोग मौजूद थे. वहां मौजूद लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि शरीर में हलचल दिख रही है. वहां मौजूद डॉक्टर ने शरीर में इसलिए हलचल की बात कही, क्योंकि उनपर दबाव बनाया जा रहा था. हालांकि, ईसीजी की रिपोर्ट स्टेट लाइन थी. डॉ जेपी सिंह के मुताबिक, ये बात आश्रम के लोगों को भी बताई गई है.