लेखिका जुहर ने मुकाम उमर फैजी के महिला विरोधी बयान के खिलाफ हिजाब उतरकर विरोध भी जताया।
हिजाब ना पहनने वाली महिलाओं को आवारा खाने वाले और उनके किरदार को खराब बताने वाले मौलाना के खिलाफ 3 महीने बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामला केरल राज्य का बताया जा रहा है जहां पर लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता जोहर की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। मौलाना के इस बयान के बाद सामाजिक कार्यकर्ता ने हिजाब उतार कर विरोध भी जताया था।
सारा मामला शुरू हुआ केरल के एक वामपंथी नेता अनिल कुमार के बयान के बाद वामपंथी नेता ने नास्तिकों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम बहुल मलप्पुरम जिले में मार्क्सवादी पार्टी के प्रभाव के चलते हिजाब पहनना छोड़ दिया है। इस घटना के बाद कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं ने आलोचना शुरू कर दिया विरोध इस कदर मचा की मौलाना ने मुस्लिम महिलाओं के चरित्र पर उंगली उठाए और उन्हें नसीहत देते हुए का दल की मुस्लिम महिलाओं को परदा करना चाहिए उन्हें अपना शरीर दूसरे आदमियों को नहीं दिखना चाहिए दूसरे आदमियों के सामने आवारा जीवन जीना कोई प्रगतिशीलता नहीं है और मुस्लिम महिलाओं को ऐसे आवारापन से बचना चाहिए आप हमें पुराने ख्यालों का कह सकते हैं मगर हमें इसी पर टिकना है। मौलाना के इस बयान को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता और प्रगतिशील लोगों ने विरोध शुरू कर दिया आखिरकार 3 महीने बाद कानूनी मामला दर्ज कर लिया गया है।