अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। 23 जनवरी से मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। पहले दिन मंगलवार को तकरीबन 5 लाख श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के दर्शन किए। दर्शन के लिए आज यानी दूसरे दिन भी सुबह 4 बजे से श्रद्धालु राम मंदिर के बाहर खड़े हो गए।
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर के कपाटभक्तों के लिए खुल गए हैं। रामलला के दर्शन के लिए पहले दिन मंगलवार को भारी भीड़ उमड़ी। पहले ही दिन करीब 5 लाख लोगों ने मंदिर में दर्शन किए। श्रद्धालुओं भीड़ को को संभालने के लिए 8000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर लगाए गए। हालांकि, अत्यधिक भीड़ के चलते प्रशासन को फिर परेशानियों का सामना करना पड़ा।इतनी अधिक संख्या में लोग अयोध्या पहुंच रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन, मंदिर प्रबंधन और अन्य पक्षों को निर्देश दिया है कि रामलला के सहज दर्शन के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं।
गाड़ियों के लिए की गई ऑनलाइन बुकिंग कैंसिल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। फिलहाल अयोध्या में आने वाली सभी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। गाड़ियों के लिए की गई ऑनलाइन बुकिंग को भी कैंसिल कर दिया गया है। आठ हजार से अधिक पुलिसकर्मी व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं और सब कुछ नियंत्रण में है। पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद खुद मंदिर के अंदर थे और व्यवस्था पर नजर रख रहे थे। अयोध्या पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सोशल मीडिया पर फैल रही उन अफवाहों का खंडन किया है कि भारी भीड़ के कारण मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
उधर, अत्यधिक भीड़ को देखते हुए उत्तर प्रदेश में अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने 24 जनवरी, 2024 को बताया कि भीड़ लगातार हो रही है। जो लोग बुजुर्ग और दिव्यांग हैं, वे फिलहाल दो हफ्ते के लिए मंदिर का दौरा टाल दें। युवा दर्शन कर रहे हैं और हम लोग भी सारी व्यवस्थाएं कर रहे हैं।यह मंदिर हमेशा के लिए यहां रहने वाला है, और भी सुचारू व्यवस्थाएं होंगी. इसलिए हड़बड़ाने की जरूरत नहीं है।
वाहनों का रूट डायवर्ट
रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ के मद्देनजर अयोध्या से 100 किमी दूर बाराबंकी में ही पुलिस ने लोगों से आगे न जाने की अपील की थी। अयोध्या धाम में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के चलते सभी वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया। भीड़ का आलम यह रहा कि मंदिर प्रबंधन ने सभी गाड़ियों को पंचकोसी परिक्रमा पथ के पास रोकना शुरू कर दिया था, जबकि पहले दिन इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे कि कुछ देर के लिए दर्शनार्थियों की एंट्री पर भी रोक लगा दी गई थी।