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लोकसभा चुनाव 2024 में चुनावी प्रचार में मंगल सूत्र पर बहस छिड़ी हुई है कोई मंगल सूत्र छिनने की बात कर रहे है तो कोई बलीदान करने की.. आज जानेंगे भारत में हिंदू धर्म में मंगलसूत्र का क्या महत्व है.. शादी के बाद महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती हैं और सबसे पहले इसकी शुरूआत कहां से हुई थी… भारत में हिंदू धर्म में शादी के बाद महिलाओं को गले में मंगलसूत्र पहनने का रिवाज है
. मंगलसूत्र को पति पत्नी का रक्षा कवच माना जाता है. इसके अलावा मंगलसूत्र के इतिहास का जिक्र आदि गुरु शंकराचार्य की किताब ‘सौंदर्य लहरी’ में भी मिलता है. इतिहासकारों के मुताबिक मंगलसूत्र पहनने की परंपरा छठी शताब्दी में शुरू हुई थी. मोहन जोदाड़ो की खुदाई में भी मंगलसूत्र के साक्ष्य मिले हैं. मंगलसूत्र पहनने की शुरुआत सबसे पहले दक्षिण भारत से हुई थी. इसके बाद धीरे-धीरे भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी यह रिवाज चलने लगा है. जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु में इसे थाली या थिरू मंगलयम कहते हैं. वहीं उत्तर भारत में इसे मंगलसूत्र कहा जाता है.
मंगलसूत्र मंगल और सूत्र दो शब्दों को मिलकर बना है. ‘मंगल’ का अर्थ होता है पवित्र और ‘सूत्र’ का मतलब पवित्र हार होता है. हिंदू धर्म में वैवाहिक जीवन का सबसे बड़ा प्रतीक मगंलसूत्र को माना जाता है. हालांकि अलग-अलग क्षेत्रों में इसका स्वरूप भी बदल जाता है. कुछ जगह पर मंगलसूत्र में सोने, सफेद या लाल मोतियों को भी जोड़ा जाता है. भारत, नेपाल, बंग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं के अलावा सीरियाई ईसाइयों जैसे गैर-हिंदू लोग भी मंगलसूत्र पहनते हैं.हालांकि भारत में ऐसे कई समुदाय हैं, जिनमें मंगलसूत्र नहीं पहना जाता है
. इसके बजाय दूसरे वैवाहिक प्रतीकों को पहना जाता है. उत्तर भारत के बड़े हिस्से में शादीशुदा महिलाएं पैरों में बिछुआ, कांच की चूड़ियां, गले में कंठी पहनती हैं. प्राचीन काल में दुल्हन के आभूषण बुढ़ापे और विधवा होने पर आर्थिक सुरक्षा के तौर पर भी काम करते थे. ऐतिहासिक रूप से भारत में गहने वैवाहिक जीवन के शुभ प्रतीक थे. केवल विधवा होने पर या सांसारिक मोहमाया को त्यागते समय उन्हें उतारा जाता था
. मंगलसूत्र शुभ धागे के रूप में माना जाता था. शुभ अवसरों पर हल्दी या कुमकुम में भिगोया हुआ धागा शरीर के नाड़ी बिंदुओं जैसे गर्दन या कलाई पर बांधा जाता है.
बता दे की मंगलसूत्र को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी मान्यताएं हैं. माना जाता है कि इसमें मौजूद काले मोती भगवान शिव का रूप हैं और सोने का संबंध माता पार्वती से है. मंगलसूत्र में 9 मनके होते हैं. ये मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
इन 9 मनकों को पृथ्वी, जल, वायु और अग्नि के प्रतीक के तौर पर भी माना गया है. मंगलसूत्र महिलाओं के 16 श्रृंगार में एक है…