गुरुग्राम, पटौदी विधानसभा क्षेत्र के गांव मऊ, लौकरी व राठीवास के राजकीय विद्यालयों में छात्रों की संख्या पूरी होने के बावजूद भी शिक्षकों की भारी कमी है, जिसको लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर ताला लगा दिया है। इससे प्रतीत होता है कि सरकार शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है और छात्रों के भविष्य को अंधकार में डालना चाहती है। उक्त बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य सुधीर चौधरी ने कही। उनका कहना है कि सरकार सोची समझी साजिश के तहत शिक्षा के स्तर को नीचे गिरा रही है, ताकि गरीबों के बच्चे स्कूल में न पढ़ सकें। प्रदेश की भाजपा सरकार राजकीय स्कूलों को निजीकरण की ओर धकेलना चाहती है। गत दिवस भी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि कैमिस्ट्री के शिक्षक अब मैथ्स भी पढ़ाएंगे। यह बयान बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है। जो शिक्षक एक विषय का जानकार है तो वह दूसरी विषय कैसे पढ़ा सकता है। सुधीर चौधरी ने कहा कि सरकार ने चिराग योजना के माध्यम से जता दिया कि वह निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। सरकार ने निजी स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को राशि देने तथा राजकीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों से राशि लेने की योजना बनाई है, जोकि सरासर गलत है। मॉडर्न संस्कृत विद्यालय के छात्रों से फीस ली जाएगी। यह कहां की नीति है। सरकार चाहती है कि राजकीय विद्यालय के छात्रों की संख्या नगण्य हो जाए और विद्यालयों की प्रोपर्टी सरकार के अधीन आ जाए, ताकि वे निजीकरण कर सकें। उन्होंने कहा कि पटौदी विधानसभा के विधायक यदि क्षेत्र की जनता का हित चाहते तो वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर तुरंत प्रभाव से विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति करा सकते थे, लेकिन विधायक भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सुधीर चौधरी का कहना है कि भाजपा सरकार विकास करने की बजाय बच्चों के भविष्य को उजाडऩे पर तुली हुई है। ग्रामीणों काफी समय से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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