गुरुग्राम। पं. महोर सिंह साहित्य संगीत मंच व हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा गुरुग्राम के स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हॉल में शहर के गणमान्य बुद्धिजीवियों के बीच पंडित महोर सिंह के काव्य एवं लोक संगीत पर आधारित ग्रंथ काव्य संगीतमणि का लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय, फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा, हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं निदेशक वीरेंद्र चौहान व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. अशोक दिवाकर अतिथि के रूप में पहुंचे।पंडित महोर सिंह आजादी से पूर्व हरियाणा के बड़े विद्वान व्यक्ति थे। वे उस समय बनारस से विद्या अध्ययन करके आये थे। हरियाणा के वेदव्यास कहे जाने वाले पं लख्मी चंद उनसे 32 साल छोटे थे और शास्त्र, व्याकरण एवं इतिहास संबंधी जानकारी लेते थे। इस 805 पृष्ठों के ग्रंथ का लेखन उनके वंशज व संस्कृत के वैयाकरण सत्यवान शर्मा ने किया। यह ग्रंथ हरियाणा के साहित्य और लोक संगीत का प्रथम शास्त्रीय ग्रंथ है। इसमें लोक संगीत व साहित्य की बहुत सी शंकाओं का शास्त्रार्थ के माध्यम से समाधान किया गया है। लेखक सत्यवान शर्मा ने बताया कि उन्हें यह ग्रंथ लिखने की प्रेरणा दादा पं महावीर प्रसाद गौड़ से मिली, जो पंडित महोर सिंह गौड़ के पौत्र हैं। हरियाणा सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपना संदेश लिखकर इस ग्रंथ के महत्त्व को और अधिक बढ़ा दिया है। फिल्म अभिनेता यशपाल शर्मा ने कहा कि हरियाणा का साहित्य देश और दुनिया को दिशा देने में सक्षम है। हमें उसको पढऩा चाहिए। उसका प्रचार प्रसार करना चाहिए। आरएसएस के प्रांत प्रचारक विजय ने कहा कि साहित्यकार जो लिखता है, उसको कलाकार रंगमंच और फिल्मों के माध्यम से प्रदर्शित करता है। इससे पूरे देश के लोगों को दिशा मिलती है।