वह देश के लोकप्रिय संत हैं। उनसे मिलने आ रही हस्तियों को हैंडल करने ‘टीम रामभद्राचार्य’ में एक सेलिब्रिटी मैनेजर भी है।
रामनगरी में जगदगुरु रामभद्राचार्य सबसे बड़ी रामकथा कर रहे हैं। खूबसूरत सा पंडाल है। उन्होंने संकल्प किया था, मंदिर बनने तक अयोध्या रामकथा करने नहीं आएंगे। संकल्प पूरा हुआ है। आजकल हर दिन 10 हजार लोग उन्हें सुनने आते हैं। वह देश के लोकप्रिय संत हैं। उनसे मिलने आ रही हस्तियों को हैंडल करने ‘टीम रामभद्राचार्य’ में एक सेलिब्रिटी मैनेजर भी है। इनमें नेता, अभिनेता, संत और ब्यूरोक्रेट्स जैसे भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग शामिल हैं। वे अंग्रेजी मीडिया वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हैं। उनके कमरे के बाहर सिर्फ भक्तों ही नहीं, कैमरे और क्रू से लैस मीडिया वालों की भी उतनी ही लंबी कतार है। किसी फिल्म के सेट सा माहौल है। एक इंटरव्यू खत्म, पैकअप…तो दूसरा तैयार खड़ा है। रोल कैमरा मीडियावाले बोलते हैं, लेकिन कट रामभद्राचार्य जी की टीम को कहना पड़ता है।
441 प्रमाण मैंने दिए थे, एक दो नहीं। और सब सत्य निकले। मुस्लिम जज आलम साहब ने भी कहा था, सर यू आर डिवाइन पावर। राजनेताओं का संतों से समन्वय हो तभी कल्याण होगा। संत ही समस्याओं का अंत करता है। स मतलब समस्या और अंत यानी संत। जिनके चरणों में बैठकर समस्याओं का अंत हो वही संत है। छह आचार्य समान हैं। शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंदाचार्य, निम्बार्काचार्य, वल्लभाचार्य और चैतन्यमहाप्रभु सभी समान हैं। शंकराचार्यों के कुछ भी कहने बोलने से धर्म को कोई हानि नहीं होगी। उन्हें बोलने दीजिए।