जितनी तेजी से ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल पेमेंट का चलन चला है, उतनी ही तेजी से साइबर ठगों ने अपना जाल भी तैयार किया है। इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर ठगों की वारदात से पुलिस आजिज आ चुकी है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी हाईटैक होती जा रही है, वैसे-वैसे जालसाजों ने अपना ठीकाना भी बदलना शुरू कर दिया है।
साइबर ठगी में एटीएम, बैकिंग और ऑनलाइन खरीदारी सहित अनेक रास्तों से लोगों को चूना लगाने का कारोबार असामाजिक तत्वों ने शुरू कर दिया है। पहले इन जालसाजों का जाल झारखंड, बिहार और बंगाल हुआ करता था, जहां पर बैठकर यूपी, एमपी और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। वहीं अब लखनऊ पुलिस ने नया खुलासा किया है कि इन ठगों ने अपना ठीकाना बदलते हुए राजस्थान के जामताड़ा, चित्तौडग़ढ़ और भरतपुर को अपना नया डेस्टीनेशन बना लिया है। इसके अलावा ठगों का दूसरा गिरोह हैदराबाद और एनसीआर के कुछ इलाकों में भी सक्रिय है।
लखनऊ पुलिस को 500 से अधिक शिकायतें मिली
लखनऊ पुलिस को साइबर ठगी के शिकार लोगों की 500 से अधिक शिकायतें मिली हैं। जिनका संबंध इन शहरों के ठगों से जांच में सामने आया है। अनेक लोग एक्सट्रा इनकम के चक्कर में इन ठगों का शिकार हो जाते हैं। साइबर ठगी का यह खेल टेक्सट मैसेज, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम समेत तमाम सोशल नेटवर्क प्लेटफार्म पर चलाया जा रहा है। ठग आपको बताते हैं कि पहले आप लिंक खोलकर देखें। इसके बाद आपकी आईडी तैयार करवाकर आपका अकाउंट बनवाते हैं। टास्क पूरा करने पर आपको पांच से दस हजार की आय होने लगती है। जब आपके अकाउंट में पैसा दिखाई देता है तो ये जालसाज आपको बड़ी रकम का झांसा देते हैं।
ऑनलाइन टे्रडिंग का चस्का
जालसाज पैसा ऑनलाइन मंगाते हैं जो कि बैंक खाते यूपी, राजस्थान, बिहार, दिल्ली आदि अन्य राज्यों के बैंक शाखाओं से संबंधित होते हैं। पैसा आने के बाद ये अपने शिकार हो ऐसा दिखाते हैं कि कुछ ही दिनों में रकम काफी बढ़ गई है। अपने शिकार को फंसाने के लिए वह कहते हैं कि सर आप चाहे तो पैसा अपना विड्राल कर सकते हैं लेकिन इससे आपको ज्यादा फायदा नहीं होगा। अगर इसी पैसे को आप ऑनलाइन टेड्रिंग में लगा देते हैं तो काफी मुनाफा होगा। लेकिन शर्त है विदड्राल करने पर कुल जमा रकम का दस फीसदी आपको देना होगा। इसे वे टैक्स, जीएसटी, फाइल चार्ज आदि का मद बताते हैं। इसके बाद मुनाफा कुछ ऐसा किया जाता है कि बेचारा आम खाताधारक की जमा पूंजी लूट जाती है।
क्रिप्टो करेंसी का खेल
साइबर ठग आपको यूट्यूब का लिंक भी भेजते हैं, जिसे लाइक करने के बदले आपको इनकम होगा ऐसा समझाते हैं। इसके बाद वे आपके बढ़ते स्टेप्स को लेकर आत्मविश्वास में आ जाते हैं और थोड़ी बहुत इनकम दिखाकर क्रिप्टो करेंसी में लाखों रुपए लगवा देते हैं। इसके बाद पैसा विदड्राल होता ही नहीं है। इसी तरह अन्जान बेवसाइट के माध्यम से भी क्रिप्टो करेंसी में पैसा दोगुना तीगुना होने का खेल चलता है और आम आदमी इनके जाल में आसानी से फंस जाता है।
कैसे करें साइबर ठगों से बचाव
-ऑनलाइन अतिरिक्त आय के चक्कर में बिलकुल न पड़े
-निवेश के लिए बोला जाए तो पहले उसकी जांच करें
-कभी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें
-विज्ञापन संबंधी लिंक पर भी क्लिक ना करें
-किसी टेड्रिंग के नाम पर पैसा लगावाया जा रहा तो सर्तक रहें
-ठगी का शिकार होते ही पुलिस को सूचित करें
-बैंकों के आधिकारिक कस्टमर केयर और बेवसाइट का ही प्रयोग करें