हाल फिलहाल में (Heart Attack) से जुड़ी घटनाओं को देखकर हर कोई यही सवाल कर रहा है। एक वक्त था जब हार्ट अटैक को बड़े-बूढ़ों की बीमारी माना जाता था मगर आजकल 30-40 की उम्र या इससे भी कम उम्र के लोगों में भी इस बीमारी ने घर कर लिया है। पिछले एक-दो सालों में कई नामी हस्तियों जैसे कि बिग बॉस के विनर सिद्धार्थ शुक्ला, प्लेबैक सिंगर केके या अभी ही साल कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की अचानक मौत से लोगों को झकझोर दिया है। युवाओं में हृदय की समस्याओं के प्रकार हाई बीपी या उच्च रक्तचाप खराब डाइट,व्यायाम की कमी और तनाव जैसे कारकों के कारण देखा जाता है जो इस प्रवृत्ति में योगदान दे रहे हैं।
समय पर ध्यान ने करना पड़ सकता है मुश्किलों का सामना
युवा लोगों में एट्रियल फाइब्रिलेशन का (Diagnosis) निदान किया जा रहा है। एक ऐसी स्थिति जिसका इलाज न किए जाने पर स्ट्रोक और अन्य गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं। गतिहीन जीवनशैली और अत्यधिक शराब का सेवन युवाओं में एट्रियल फाइब्रिलेशन के बढ़ने में अहम योगदानकर्ता हैं। कार्डियोमायोपैथी, (Heart Attack) की मांसपेशियों को प्रभावित करने वाली बीमारियों का एक ग्रुप है। यह युवाओं में भी आम होता जा रहा है। युवाओं में कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy) के मामलों की व्यापकता में आनुवंशिक प्रवृत्ति, मादक द्रव्यों के सेवन और वायरल Infection को भी प्रमुख कारकों के रूप में पहचाना जाने लगा है।
इस बढ़ती महामारी से सही ढंग से निपटने के लिए आहार, व्यायाम, तनाव प्रबंधन (Stress Management) और नियमित स्वास्थ्य जांच पर ध्यान केंद्रित करने वाले समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता अनिवार्य है। अब समय आ गया है कि व्यक्ति गंभीर समस्याएं विकसित होने के बाद प्रतिक्रियाशील रूप से चिकित्सा सहायता लेने के बजाय अपने हृदय स्वास्थ्य की जिम्मेदारी स्वयं लें।
ये हैं दिल की बीमारी के कारण
अपने दिल को स्वस्थ रखने का एक शानदार तरीका नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न होना है। जबकि बहुत से लोग गहन वर्कआउट पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तेज चलना या योग जैसे मध्यम व्यायाम भी हृदय स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। अपने दैनिक जीवन में तनाव कम करने के तरीके ढूंढना आपके दिल के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। चाहे वह ध्यान के माध्यम से हो, गहरी सांस लेने के व्यायाम से हो, या अपने पसंदीदा शौक में संलग्न हो, तनाव के स्तर को प्रबंधित करने से (Heart Attack) रोग का खतरा कम होता है।