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मनचलों को मौके पर ही सबक सिखाएंगी बेटियां,महिला पुलिसकर्मी छात्राओं को करेंगी ट्रेंड

यूपी की ताजनगरी आगरा में बेटियां अब मनचलों को मौके पर ही सबक सिखाती नजर आएंगी। इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें ताईक्वांडों और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी।

यूपी की ताजनगरी आगरा में बेटियां अब मनचलों को मौके पर ही सबक सिखाती नजर आएंगी। इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से उन्हें ताईक्वांडों और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए पुलिस कमिश्नरेट में तीन साल का डाटा एकत्रित किया गया है। इसमें जहां महिलाओं के साथ अपराध घटित हुए उन्हें डार्क स्पॉट का नाम दिया गया है। डार्क स्पॉट के आसपास के स्कूल-कालेजों में छात्राओं को प्राथमिकता पर मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित किया जाएगा। अभी तक पूर्व माध्यमिक विद्यालय ककुआ, लक्ष्मी इंटर कालेज कराहरा और केजी इंटर कालेज हींग की मंडी में छात्राओं को मार्शल आर्ट और ताईक्वांडों का प्रशिक्षण दिया गया है।

एसीपी सुकन्या शर्मा बताती हैं “अभी छह महीने पहले की ही तो बात है। स्कूलों में मिशन शक्ति अभियान के दौरान मैं छात्राओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक कर रही थी। इस दौरान मैंने उन्हें रास्ते में छेड़छाड़ या मुश्किल पड़ने पर पुलिस के हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी। इसपर छात्राओं ने बताया कि वे स्कूल मोबाइल लेकर नहीं आतीं। इसके अलावा अक्सर अकेले ही घर आना जाना होता है।  बेटियों के प्रश्न में पंच निकला, जिसका उत्तर आसान नहीं था। आखिर समझ आया कि बेटियों को आत्मरक्षा की कला सिखाकर आत्मविश्वास से भरा जा सकता है। यह आसान नहीं था, लेकिन हमने तय किया पहले महिला आरक्षियों और उप निरीक्षकों को मार्शल आर्ट में प्रशिक्षित करेंगी। यह पुलिसकर्मी स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा के अस्त्र से लैस करेंगी।”

एसीपी सुकन्या शर्मा बताती हैं कि इसके बारे में उन्होंने पुलिस आयुक्त डा. प्रीतिंदर सिंह और अपर पुलिस उपायुक्त डॉ. राजीव कुमार को पूरी योजना समझाई। इसके बाद आत्मरक्षा की योजना ने नवंबर 2023 में अमलीजामा पहना। एंटी रोमियो और नारी शक्ति अभियान से जुड़ी 244 महिला पुलिसकर्मियों और 32 महिला उप निरीक्षकों को मार्शल आर्ट प्रशिक्षण के लिए चुना गया। एक बैच में 60 की संख्या है। बेसिक प्रशिक्षण सात दिन का है। कुल दो महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। महिला पुलिसकर्मियों को राष्ट्रीय ताईक्वांडो रेफरी डा. किरन कश्यप ने प्रशिक्षित करने का जिम्मा लिया। अब दो माह बाद महिला बीट आरक्षियों ने अपने क्षेत्र के स्कूलों में छात्राओं को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया है।

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